लखनऊ यूपी से मानसून विदा हो गया है। प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां अब मानसूनी बारिश नहीं होगी। हालांकि कुछ जगहों पर अभी भी हल्की बारिश की संभावना है।
बारिश का सीजन बीत गया है। नवरात्र के साथ ही बारिश ने प्रदेश से विदा ले ली है। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के मध्य हिस्से, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व पूर्वी इलाके के कुछ हिस्सों से मानसून ने विदा ले ली। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक, पूर्वांचल में अभी मानसून ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। तीन चार दिन तक हल्की बरसात होगी, उसके बाद वापासी के अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी.
केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, शनिवार को दक्षिण पश्चिम मानसून वापसी के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष भाग, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से लौट गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में रह गया है और संभव है कि तीन चार दिन बाद इसकी संपूर्ण विदाई होगी।जानिए, कहां अधिक और कहां कम बरसा पानी
एक जून से 30 सितंबर तक मानसून सत्र की बरसात के रिकार्ड को देखें तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में सामान्य से अधिक बरसात हुई। यहां पर सामान्य बरसात 672 मिमी है, रिकाॅर्ड बरसात 742.8 मिमी हुई। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य बरसात का औसत 799 मिमी है, पर मानसूनी सत्र में 745.5 मिमी पानी बरसा। यानी पश्चिम उत्तर प्रदेश में 11 प्रतिशत अधिक और पूरब में 0.7 मिमी कम बरसात हुई। राजधानी लखनऊ में इस साल दो फीसदी अधिक बरसात रिकाॅर्ड हुई है।तीखी धूप, पारे ने बढ़ाई बैचेनी
एक जून से 30 सितंबर तक मानसून सत्र की बरसात के रिकार्ड को देखें तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में सामान्य से अधिक बरसात हुई। यहां पर सामान्य बरसात 672 मिमी है, रिकाॅर्ड बरसात 742.8 मिमी हुई। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य बरसात का औसत 799 मिमी है, पर मानसूनी सत्र में 745.5 मिमी पानी बरसा। यानी पश्चिम उत्तर प्रदेश में 11 प्रतिशत अधिक और पूरब में 0.7 मिमी कम बरसात हुई। राजधानी लखनऊ में इस साल दो फीसदी अधिक बरसात रिकाॅर्ड हुई है।तीखी धूप, पारे ने बढ़ाई बैचेनी