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पासपोर्ट विवाद: अफसर को सम्मानित करेगी शिवसेना, सरकार पर लगाया मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप

लखनऊ। लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र में तन्वी सेठ के नाम को लेकर हुए विवाद से चर्च में आए सीनियर सुपरिटेंडेंट विकास मिश्र को सोशल मीडिया पर मिले समर्थन के बाद शिवसेना भी उनके पक्ष में आ गई है और उन्हें सम्मानित करने का ऐलान किया है।

शिवसेना के प्रदेश प्रमुख अनिल सिंह ने बताया कि पासपोर्ट अफसर को गोरखपुर ट्रांसफर करने पर रोष है। पासपोर्ट जारी करने पर महीने भर लग जाते हैं कि जबकि नियम विरुद्ध एक घंटे में पासपोर्ट जारी कर दिया गया। सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण पर उतर आई है। ईमानदार अफसर के ट्रांसफर से उसका मनोबल गिरेगा। इस बाबत शनिवार को राजभवन जाकर ट्रांसफर रुकवाने के लिए राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

गौरतलब है कि तन्वी और उनके पति अनस बुधवार को पासपोर्ट बनवाने गए थे। सीनियर सुपरिटेंडेंट विकास मिश्र ने तन्वी के निकाहनामे व अन्य दस्तावेज पर सवाल उठाए थे। इसे लेकर दोनों में बहस हुई। तन्वी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से ट्वीटर पर इसकी शिकायत की थी कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने घंटे भर में तन्वी का पासपोर्ट बनवाकर दे दिया था।

अनस सिद्दीकी व तन्वी सेठ पासपोर्ट जारी होने के बाद।

                                                                                          अनस सिद्दीकी व तन्वी सेठ पासपोर्ट जारी होने के बाद।
विवाद के बीच क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने भले ही बगैर सत्यापन के घंटे भर में ही तन्वी सेठ का पासपोर्ट जारी कर दिया हो, पर पोस्ट वेरिफिकेशन में उनका पासपोर्ट जब्त हो सकता है। इसकी आशंका पासपोर्ट अधिकारी भी जता रहे हैं। दरअसल, तन्वी ने नोएडा में रहते हुए पासपोर्ट में लखनऊ का पता दिया है।

अफसरों के अनुसार क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विशेषाधिकार का प्रयोग कर पोस्ट वेरीफिकेशन क्लाज के तहत पासपोर्ट जारी कर सकता है। लेकिन, इसके बाद पूरा दारोमदार पुलिस के सत्यापन पर टिका हुआ है। अफसरों के अनुसार आवेदन के समय वहां का एड्रेस देना होता है, जहां वह वर्तमान में रह रहा हो। साथ ही स्थायी पता भी दिया जाता है।

ऐसे में जब तन्वी नोएडा में रह रही हैं तो लखनऊ का पता देना गलत है। दूसरे, पता बदलने पर धारक के लिए पासपोर्ट में पता बदलवाना अनिवार्य है। यही नहीं, उन्होंने नाम बदले जाने के बाबत सही जानकारी तक दर्ज नहीं कराई है।

सोशल मीडिया पर जमकर हुई फजीहत, ट्रोलिंग

तन्वी सेठ के पासपोर्ट मामले में एक ओर जहां ट्रांसफर किए गए अधिकारी के पक्ष में समर्थन बढ़ रहा है। वहीं एक घंटे में पासपोर्ट जारी करने के बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने मामले में चुप्पी साध ली है। शुक्रवार को दिनभर लोगों से मिलने से कतराते नजर आए। वहीं, सुरक्षा के लिए कार्यालय पर पुलिस भी तैनात दिखी।

बीते बुधवार को तन्वी अपने पति अनस के साथ पासपोर्ट बनवाने के लिए पासपोर्ट सेवा केंद्र हजरतगंज पहुंची थीं। तन्वी के निकाहनामे व अन्य दस्तावेजों में अलग-अलग नाम होने से पासपोर्ट के सीनियर सुपरिंटेंडेंट विकास मिश्र ने सवाल उठाए थे। जिसके बाद तन्वी व अनस ने विकास पर धर्म परिवर्तन करवाने की बात कहने का आरोप लगाया था।

गुरुवार को क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने एक घंटे के भीतर दोनों का पासपोर्ट जारी कर वहीं विकास मिश्र का तबादला कर दिया था। पासपोर्ट जारी करने के मामले में शुक्रवार को उनकी सोशल मीडिया पर जमकर फजीहत हुई। जबकि आमतौर पर डाक से ही पासपोर्ट आवेदक के घर भेजा जाता है। इसके अलावा बगैर किसी जांच पड़ताल के विकास मिश्रा का तबादला भी कर दिया। इन्हीं गड़बड़ियों के कारण पीयूष वर्मा बैकफुट पर हैं और सवाल-जवाब न हों, इसलिए लोगों से मिलने से बचते रहे।

कोई भी जानकारी देने से बच रहे हैं अफसर

प्रतीकात्मक तस्वीर

पीयूष वर्मा मामले की जांच में अभी तक क्या हुआ, उसके आगे क्या कार्रवाई की जाएगी के बारे में कोई भी जानकारी देने से बच रहे हैं। जब उनसे मुलाकात की कोशिश की गई तो उनके पीए संजय वर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी किसी से मिलना नहीं चाहते। मोबाइल नंबर पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

विकास मिश्र नहीं गए गोरखपुर, लखनऊ में की ड्यूटी
वहीं, गोरखपुर तबादला होने के बाद शुक्रवार को सीनियर सुपरिंटेंडेंट विकास मिश्र ने रोजाना की तरह पासपोर्ट सेवा केंद्र पर ड्यूटी की। पासपोर्ट कार्यालय में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के फैसले को लेकर काफी नाराजगी है। सूत्रों की मानें तो खुद पीयूष वर्मा भी यह जानते हैं कि मामले में विकास मिश्र की गलती नहीं है। पर, दबाव में कार्रवाई करनी पड़ी। जिसके चलते ही विकास मिश्र को लखनऊ में ड्यूटी करने से रोका नहीं गया।

समर्थन में उतरा कर्मचारी संगठन
उधर, ऑल इंडिया पासपोर्ट स्टाफ एसोसिएशन विकास मिश्र के बचाव में उतर आया है। एसोसिएशन ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी व केंद्रीय समिति को पत्र लिखकर विकास मिश्र के ट्रांसफर पर रोक लगाने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर प्रदर्शन की बात कही। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि विकास मिश्र ने अपनी ड्यूटी निभाई है ताकि कोई भी आवेदक फर्जी नाम और पते से पासपोर्ट जारी न करवा सके। इसलिए दस्तावेजों का सत्यापन करना उनका मुख्य काम है।