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पाक आर्मी चीफ ने की शांति की वकालत, कहा- बातचीत से हो कश्मीर मुद्दे का समाधान

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कश्मीर मुद्दे का समाधान राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर होने की वकालत की है। पाकिस्तान की सेना के मुखिया की ओर से कश्मीर के समाधान पर आया यह बयान हैरान करने वाला है। इससे पहले अब तक पाकिस्तानी सेना के किसी भी जनरल ने कश्मीर मुद्दे का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से ढूंढने की बात नहीं कही। बाजवा यहां ‘रक्षा दिवस’ पर आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे।

बाजवा का यह बयान तब सामने आया है, जब अभी दो दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने यह स्वीकार किया कि इंटरनैशनल स्तर पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में पनाह मिली हुई है। बाजवा ने जोर देते हुए कहा कि तरक्की के लिए शांति जरूरी है। इस मौके पर बाजवा ने कहा, ‘दोनों देशों में रहने वाले लाखों लोगों की भलाई स्थाई शांति में ही है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए भी यही बेहतर होगा कि वह पाकिस्तान की निंदा करने और कश्मीरियों पर सेना थोपने के बजाए इस मुद्दे का समाधान राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर ढूंढे।’

बाजवा ने स्पष्ट रूप से भारत का नाम लिए बगैर ‘पड़ोसी देश’ कहते हुए कहा, ‘दक्षिण एशिया में परमाणु हथियार हम लेकर नहीं आए। और हमारे परमाणु हथियार साधारण रूप से शांति बनाए रखने की गारंटी है। यह हमारा उस पड़ोसी देश को जवाब है, जो ताकत में कहीं आगे है। यह वही देश है, जो दक्षिण एशिया में एक गैर परंपरागत युद्ध लेकर आया है।’

जनरल बाजवा ने कहा, ‘सुपर पावर के द्वारा शुरू किए युद्ध की कीमत हमने आतंकवाद, उग्रवाद और आर्थिक नुकसान के रूप में चुकाई है। हम अपनी नीति पर अडिग हैं कि हम अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं होने देंगे और दूसरे देशों से भी हम यही आशा रखते हैं।’

माना जा रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से शुरू हुई वैश्विक लड़ाई के चलते पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व की बातों में यह महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। अपनी भूमि पर आतंकियों को पालने के चलते पाकिस्तान को अमेरिका समेत दुनिया भर से करारा जवाब मिलने लगा है। इसी के चलते पाकिस्तान की नीतियों में यह बदलाव शुरू होता दिख रहा है।