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नीरव ने ED के सामने पेश होने से किया इंकार, कहा- नहीं है मुलाकात की फुर्सत

मुबंई। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) महाघोटाले के आरोपी नीरव मोदी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर पेश होने से मना कर दिया है. ईडी ने बैंक फ्रॉड मामले में पूछताछ के लिए नीरव मोदी को समन जारी किया था, लेकिन उसने आने से इनकार कर दिया. ईडी ने मेल टुडे को इसकी पुष्टि की है.

ईडी ने गुरुवार को बताया कि नीरव मोदी को दो बार समन भेजा गया था, उम्मीद थी कि वह निदेशालय के अफसरों के समक्ष 22 फरवरी को पेश होगा, लेकिन वह नहीं आया. नीरव मोदी ने ईमेल कर ईडी के समक्ष प्रस्तुत होने से मना कर दिया. उसने ईमेल में लिखा है कि वह विदेश में है और अभी काफी व्यस्त है, लिहाजा वह ईडी के समन पर पेश नहीं हो पाएगा. मजेदार बात यह है कि उसने ईडी के सामने पेश होने के लिए कोई तारीख भी नहीं मांगी है.

हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर PNB को 11000 करोड़ से ज्यादा की चपत लगाने का आरोप है. कहा जा रहा है कि उसने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग यानी साख पत्र की बिनाह पर बैंकों से ये रुपये कर्ज के तौर पर लिए और न लौटा पाने की स्थिति में देश छोड़कर भाग गया.

पैसा लौटाने से भी कर चुका है मना

इससे पहले नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को पत्र लिखकर कहा था कि वह अब बैंक के पैसे नहीं चुका सकता है, लगातार हुई कार्रवाई से उसकी कंपनी को नुकसान हुआ है. इसलिए अब वह पैसे चुकाने में सक्षम नहीं है. नीरव मोदी ने पीएनबी को लिखा कि बैंक और मेरे अफसरों के बीच हुई बातचीत और 13 फरवरी-15 फरवरी को लिखे हुए आपके मेल के आधार पर मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूं.

बैंक की तरफ से हमारे खिलाफ लगातार एक्शन लिए जा रहे हैं. लेकिन बैंकों की तरफ से और मीडिया में जो 11000 करोड़ की राशि बताई जा रही है, वह काफी ज्यादा है. नीरव मोदी ग्रुप ने कम पैसों का लोन लिया है. मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद भी मैंने आपसे लिखकर कहा था कि मुझे फायरस्टार ग्रुप के कुछ शेयर बेचने की इजाजत दी जाए, इसके अलावा भी इससे जुड़ीं 3 कंपनियों के शेयर बेचे जाएं. इन सभी की कीमत लगभग 6500 करोड़ रुपए हैं, जिससे बैंक की राशि चुकाने में मदद मिलती.

नीरव मोदी ने लिखा कि पीएनबी के द्वारा की गई शिकायत के बाद की गई कार्रवाई और मीडिया कवरेज से फायर इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (FIPL) कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे बैंकों का बकाया चुकाने में हमें काफी मुश्किल हो सकती है.

नीरव ने लिखा कि बैंक की तरफ से पिछले कई वर्षों में तीन कंपनियों पर बायर्स क्रेडिट को बढ़ाया गया है. इस दौरान किसी भी कंपनी में कोई गड़बड़ी की बात सामने नहीं आई है. जो भी पैसा पीएनबी से लोन के तौर पर लिया गया था, उसका इस्तेमाल विदेशी शाखाओं में एडवांस पेमेंट करने के लिए किया गया है. FIPL और FPIPL पिछले कई साल से प्रॉफिट में हैं और इन्हें A-रैंकिंग भी मिली हुई है.

नीरव ने लिखा कि जैसा कि बैंक जानता है कि PNB ने खुद पिछले कई साल से हमें दिए गए पैसों पर ब्याज लेने का लाभ उठाया है, और उन्हें ब्याज समेत पीएनबी की सारी राशि चुकाई भी गई है.

उनसे आगे लिखा, जिस संपत्ति पर लगातार छापेमारी की जा रही है और मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार करीब 5649 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा रही है. अगर ये कार्रवाई ना हुई होती तो इन संपत्ति और अन्य कुछ संपत्तियों को मिलाकर बैंक का सारा पैसा लौटाया जा सकता था. लेकिन इस कार्रवाई के बाद ये कर पाना मुश्किल हो गया है.