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निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, ष्हमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के अंतिम प्रयास के लिए मंच तैयार करते हुए अंतरिम बजट 2024-25 पेश करना शुरू कर दिया है। सीतारमण ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीब, महिलाएं, किसान और युवा हैं। यह व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने, महिलाओं को सशक्त बनाने और युवाओं के लिए अधिक नौकरियां पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले 10 वर्षों में गहरा सकारात्मक परिवर्तन देखा है, भारत के लोग आशा के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं। जब हमारी सरकार – पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में- 2014 में सत्ता संभाली तब देश को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। सरकार ने उन चुनौतियों पर सही तरीके से काबू पाया।

निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, “हमें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, उनकी जरूरतें और आकांक्षाएं हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं।” उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय हमारी सरकार का मॉडल… गरीब, महिला, युवा, अन्नदाता पर विशेष ध्यान है। उन्होंने दावा किया कि पीएम-स्वनिधि से 78 लाख रेहड़ी-पटरी दुकानदारों को लाभ मिला, पीएम विश्वकर्मा योजना ने भी लाभांवित किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन से 80 करोड़ लोगों की खाने की चिंता खत्म हुई। उन्होंने कहा कि आज का युवा रोजगार देने वाला बन रहा है, विभिन्न सरकारी योजनाओं से प्रोत्साहन मिल रहा है।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मुद्रा योजना के तहत 30 करोड़ कर्ज महिला उद्यमियों को बांटे गए। पीएम मुद्रा योजना के तहत 22.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है। देश के 1.4 करोड़ युवाओं को कौशल भारत मिशन का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जीडीपी को गवर्नमेंट, डेवलपमेंट और परफॉर्मेंस का नया अर्थ दिया है, समावेशी विकास पर विशेष ध्यान है। उन्होंने कहा कि जनधन खातों के जरिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से 34 लाख करोड़ रुपये अंतरित किये गये, इससे 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति परिवर्तनकारी सुधारों की शुरुआत कर रही है।