नई दिल्ली। लंबे विवाद के बाद सरकार ने धार्मिक संस्थानों के लंगर को जीएसटी से मुक्त किया है. इसके तहत स्वर्ण मंदिर से लिया गया 300 करोड़ वापस किया जाएगा. केन्द्र सरकार ने धार्मिक संस्थानों से मुफ्त भोजन कराने के लिए खरीदे गए सामान पर वसूले गए जीएसटी को लौटाने का फैसला किया है.
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज यह जानकारी दी. हरसिमरत कौर ने कहा कि धार्मिक संस्थानों की तरफ से लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए खरीदे गए सामान पर वसूले गए जीएसटी में से केन्द्र अपना हिस्सा रिफंड करेगा. केंद्र ने ऐसे कच्चे माल पर जीएसटी के अपने हिस्से को ‘सेवा भोज योजना’ के तहत लौटाने का फैसला किया है.
धार्मिक संस्थानों की लंगर सामग्री पर वसूली गई जीएसटी रिफंड योजना के लिए 2018-19 से 2019-20 तक 325 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है. इसे केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने अधिसूचित किया है और ‘सेवा भोज योजना’ के तहत यह राशि उपलब्ध कराई जाएगी.
एनडीए में शामिल शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने गुरुद्वारों में लंगर के लिए खरीदी जाने वाली भोजन सामग्री पर जीएसटी से छूट की मांग की थी. इसके बाद यह कदम उठाया गया है. हरसिमरत ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को खत भी लिखा था.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने राज्यों से भी इस प्रकार की सामग्री पर जीएसटी में छोड़ने की मांग की.