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दाऊद के मोबाइल फोन का कॉलर ट्यून है हिन्दी फिल्म का ये गाना ‘मैं जो बोलूं हां तो हां…मैं जो बोलूं ना तो ना…’

नई दिल्ली। 24 साल से लगातार इंतजार. एक अंडरवर्ल्ड डॉन की, जो सैकड़ों मासूमों की मौत का गुनहगार है. एक आतंकवादी की, जिसने पाकिस्तान के इशारे पर हिंदुस्तान में आतंक का नंगा नाच कराया. जी हां, हम बात कर रहे हैं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की, जिसे पाकिस्तान से हिंदुस्तान में लाने की हुंकार हर सरकार भरती है. क्या आप जानते हैं उसके फोन की कॉलर ट्यून क्या है.

मैं जो बोलूं हां तो हां…मैं जो बोलूं ना तो ना…बिल्कुल सही पढ़ा आपने. किशोर कुमार का गाया फिल्म प्रियतमा का ये गाना ही दाऊद इब्राहिम के मोबाइल का कॉलर ट्यून है. वो सिर्फ अपनी सुनता है. अपनी सुनाता है. इस कॉलर ट्यून के बारे में दाऊद और उसके एक गुर्गे की बातचीत के ऑडियो टेप से खुलासा हुआ है. इसमें वह पूरी बातचीत कोड में करता है.

दाऊद ने पाक में ले रखी है पनाह

बताते चलें कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में 13 जगह सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इसमें करीब 257 लोगों की मौत हुई थी. 700 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. इन धमाकों का मास्टरमांइड दाऊद इब्राहिम को माना जाता है. तभी से भारत के लिए वह वॉन्टेड है. दाऊद ने पाकिस्तान में पनाह ले रखी है. उसका कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है.

‘मुच्छड़’ के नाम से जानते थे लोग

कई मुल्कों में उसकी संपत्ति है. दाऊद को कई नामों से जाना जाता है, लेकिन मुंबई अंडरवर्ल्ड में लोग उसे ‘मुच्छड़’ के नाम से जानते थे. भारत से भागने के बाद दाऊद लगातार अपना नाम और पहचान बदलता रहा. कहा जाता है कि हुलिया बदलने के लिए उसने कई बार अपने चेहरे की सर्जरी भी कराई. उसने नाम भी बदल लिया है. यह भारत का सबसे बड़ा मोस्ट वॉन्टेड.

मुंबई पुलिस में हवलदार थे पिता

दाऊद का उसका असली नाम शेख दाऊद इब्राहिम कास्कर है. उसके पिता शेख इब्राहिम अली कास्कर मुंबई पुलिस में हवलदार थे. स्कूल में पढ़ाई के दौरान बुरी सोहबत में पड़े दाऊद ने चोरी, डकैती और तस्करी शुरू कर दी. इससे परेशान होकर घरवालों ने उसकी शादी बीना जरीना नाम की लड़की से कर दी. लेकिन वह जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ता गया.

दाऊद: कई नाम, कई पहचान

एस. हुसैन जैदी की किताब ‘डोंगरी से दुबई तक’ में भी दाऊद के 13 नामों के होने का दावा किया गया है. मुंबई अंडरवर्ल्ड में शुरुआती दौर में उसे ‘मुच्छड़’ के नाम से जाना जाता था. इसकी वजह उसकी मोटी और घनी मूछें थी. लेकिन भारत से भागने के बाद वह लगातार अपना नाम और पहचान बदलता रहा. उसने कई बार अपने चेहरे की सर्जरी भी कराई.

भारत के सामने आई हकीकत

उसके 13 छद्म नामों से एक शेख दाऊद हसन भी है. यह नाम पाकिस्तान में उसकी पहचान है. इसके अलावा कुछ लोग उसे डेविड या भाई भी कहकर बुलाते हैं. भारत में मौजूद लोगों को जब वह फोन करता है तो हाजी साहब या फिर अमीर साहब के नाम से पहचान कराई जाती है. पाकिस्तान में उसके ठिकानों की हर एक हकीकत भारत के सामने आ चुकी है.