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तीसरे समन पर भी हाजिर नहीं हुए नीरव मोदी तो भगोड़ा घोषित करेगी ED

नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा व्यापारी नीरव मोदी पूरे प्रकरण पर जांच एजेंसियों को कोई सहयोग नहीं दे रहे, ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय अब कड़े तेवर में आ गया है और उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित करने की तैयारी में जुट गया है.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि अगर नीरव मोदी 26 तारीख को जारी तीसरे समन पर भी हाजिर नहीं होते हैं तो उसके खिलाफ एक हफ्ते के भीतर कार्रवाई कर दी जाएगी. ईडी नीरव के अलावा उनके मामा मेहुल चोकसी पर भी कार्रवाई करने के लिए एक्शन प्लान बना चुकी है.

ई़डी का आकलन है कि नीरव मोदी/चोकसी के पास पूरे भारत में चल-अचल संपति के रूप में 5 हजार से लेकर 6 हजार करोड़ की पूंजी है.

अगर नीरव मोदी 26 फरवरी को ईडी की ओर से जारी तीसरे समन पर भी हाजिर नहीं होते हैं, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें ‘भगोड़ा’ भी घोषित किया जा सकता है. ईडी इसके लिए एएमएलए कोर्ट भी जा सकता है, ताकि उसके फैसले पर मुहर लग सके.

दूसरे देशों को लिखेगा पत्र

साथ ही ईडी अब दोनों मुख्य आरोपियों पर लगाम कसने के लिए अगले हफ्ते अमेरिका, हॉन्ग कॉन्ग, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और दुबई को लेटर रोगेटरी जारी करेगा, जिससे उन पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सके. लेटर रोगेटरी का अर्थ है कि आरोपी के बारे में दूसरे देश से जानकारी प्राप्त करना.

इसके अलावा ईडी भारतीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के साथ संपर्क बनाए हुए हैं और उसने सीबीआई से कहा है कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को लेकर इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध करें. इस हफ्ते सभी चार भगोड़े के खिलाफ जरूरी कानूनी कार्रवाई कर दी जाएगी.

इसके अलावा अन्य आरोपियों पर जांच एजेसियां लगातार दबाव बना रही हैं. सीबीआई ने अंबानी परिवार के करीबी रिश्तेदार विपुल अंबानी को गिरफ्तार करने से पहले उनसे काफी पूछताछ कर चुकी है. कहा जाता है कि विपुल की गिरफ्तारी से पहले अंबानी परिवार लगातार उनसे संपर्क में था. गिरफ्तारी से पहले मुकेश, नीता और अनिल अंबानी उनसे बात कर चुके थे.

विपुल को नीरव मोदी ने अपनी कंपनी के आईपीओ जारी करने के लिए रणनीति बनाने वास्ते रखा था. विपुल के पास वित्तीय बाजार में काम करने का काफी अनुभव है, वह ब्रोकरेज फर्म टॉवर कैपिटल के निदेशक थे.