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ट्रंप को जवाब देने खुद सामने आया तानाशाह किम, कहा- अब चुकानी होगी ‘भारी कीमत’

उत्तर कोरिया। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव चरम की ओर बढ़ता दिख रहा है. संयुक्त राष्ट्र आम सभा में अमेरिका राष्ट्रपति ने तानाशाह किम को तबाही की धमकी दी तो जवाब देने के लिए वो तानाशाह किम जोंग उन खुद सामने आया जो कभी मीडिया के सामने आता ही नहीं. उत्तर कोरियाई मीडिया ने कीम की तस्वीर जारी की है. साथ ही कहा गया है कि नेता किम जोंग-उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘‘मानसिक विक्षिप्त’’ बताकर उनका मजाक उड़ाते हुये चेतावनी दी कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी राष्ट्रपति को संयुक्त राष्ट्र में उनके देश के विनाश संबंधी बयान देने के लिये ‘‘भारी कीमत’’ चुकानी होगी.

ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में उत्तर कोरिया को चेतावनी देने के दौरान यह कहकर दुनिया को चौंका दिया था कि अगर अमेरिका और उसके सहयोगियों पर हमला किया गया तो वाशिंगटन उसे ‘‘पूरी तरह तबाह’’ कर देगा. प्योंगयांग द्वारा पिछले कुछ समय से चलाये जा रहे परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों की वजह से बढ़ते तनाव के बीच युद्ध के लिये उकसाने वाला यह बयान सामने आया है. उत्तर कोरिया ने तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को दरकिनार कर अपना छठा और सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था और जापान के ऊपर से होकर गुजरने वाली मिसाइलों का प्रक्षेपण किया.

उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने किम को उद्धृत करते हुये कहा, ‘‘मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि अमेरिका में सर्वोच्च कमान का विशेषाधिकार संभाल रहे शख्स को डीपीआरके को पूरी तरह बर्बाद करने का बयान देने के लिये भारी कीमत चुकानी पड़े।’’

किम ने ट्रंप द्वारा उनको ‘‘रॉकेट मैन’’ कहे जाने को लेकर अमेरिकी नेता के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवाल उठाये और कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक संप्रभु राष्ट्र को ‘पूरी तरह तबाह’ करने का बयान मानसिक विक्षिप्त अमेरिकी राष्ट्रपति की अनैतिक इच्छा को दर्शाता है.’’ उत्तर कोरिया का कहना है कि आक्रामक अमेरिका से बचने के लिये उसे परमाणु प्रतिरोधक क्षमता की जरूरत है और इस तानाशाही निजाम ने सैन्यीकरण को अपनी राष्ट्रीय विचारधारा का केंद्रीय हिस्सा बना लिया है.

बयान में इस बात पर जोर दिया गया है कि किम फिलहाल अपने रास्ते से हटने वाले नहीं हैं.

किम ने कहा कि ट्रंप की टिप्पणी ने, ‘‘मुझे डराने या रोकने के बजाय इस बात के लिये संतुष्ट किया कि जो रास्ता मैंने चुना है वह सही है और यही वह रास्ता है जिस पर मुझे अंत तक चलना है.’’