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ट्रंप के एक फैसले से ट्रेड वॉर का डर! भारत-चीन पर होगा ये असर

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट के जरिये ‘ट्रेड वॉर’ को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है. उन्होंने अपने कई ट्वीट किए. इनसे उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि जब भी दूसरे देश अमेरिकी कंपनियों व सामान पर टैरिफ लगाएंगे, तो वह भी अपने देश में इन पर ड्यूटी लगाने से पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने ट्रेड वॉर का समर्थन करते हुए इसे बेहतर जरिया बताया है.

यूएस कॉमर्स सेक्रेटरी ने स्टील इंपोर्ट पर 24 फीसदी का टैरिफ लगाने का सुझाव दिया है. यह सुझाव सिर्फ एक देश पर नहीं, बल्क‍ि दुनियाभर के उन देशों पर लगाने के लिए दिया गया है जो यूएस में एक्सपोर्ट करते हैं. इसके अलावा यह भी सुझाव दिया गया है कि ब्राजील, चीन, भारत, रूस, कोरिया और थाइलैंड समेत 12 देशों से होने वाले एक्सपोर्ट पर 53 फीसदी टैरिफ लगाया जाए.

ट्रंप सरकार का यह सुझाव इसलिए पूरी दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बन गया है क्योंकि अमेरिका स्टील का सबसे बड़ा आयातक है. यह हर साल 35 मिलियन टन स्टील आयात करता है. ट्रंप की तरफ से ट्रेड वॉर की मंशा जाहिर किए जाने के बाद पूरी दुनिया के देश सचेत हो गए हैं. कई जगहों पर इसका विरोध भी शुरू हो गया है.

क्या कहा ट्रंप ने?

ट्रंप ने एक ट्वीट कर ट्रेड वॉर का समर्थन किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जब अमेरिका दूसरे देशों के साथ व्यापार कर अरबों डॉलर का नुकसान झेल रहा है, तो ऐसी स्थ‍िति में ट्रेड वॉर अच्छा है और इसके बूते जीतना काफी ज्यादा आसान है. एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ” जब कोई देश हमारे उत्पादों पर 50 फीसदी टैक्स लगाता है और हम उस देश से आने वाले उत्पाद पर जीरो टैक्स लगाते हैं, तो यह सही नहीं है.

When a country (USA) is losing many billions of dollars on trade with virtually every country it does business with, trade wars are good, and easy to win. Example, when we are down $100 billion with a certain country and they get cute, don’t trade anymore-we win big. It’s easy!

हम जल्द ही पारस्पर‍िक व्यवस्था शुरू करने वाले हैं. अगर कोई देश हमारे उत्पाद पर टैक्स लगाता है, तो हम भी उनके उत्पाद पर टैक्स लगाएंगे.” उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि देश की स्टील इंडस्ट्री बहुत बुरी स्थ‍िति में है. इसे संभालने की जरूरत है. 

When a country Taxes our products coming in at, say, 50%, and we Tax the same product coming into our country at ZERO, not fair or smart. We will soon be starting RECIPROCAL TAXES so that we will charge the same thing as they charge us. $800 Billion Trade Deficit-have no choice!

क्या है ट्रेड वॉर

ट्रेड वॉर अर्थात कारोबार की लड़ाई दो देशों के बीच होने वाले संरक्षणवाद का नतीजा होता है.  यह स्थ‍िति तब पैदा होती है, जब कोई देश किसी देश से आने वाले सामान पर टैरिफ ड्यूटी बढ़ाता है. इसके जवाब में सामने वाला देश भी इसी तरह ड्यूटी बढ़ाने लगता है. ज्यादातर समय पर दुनिया का कोई भी देश यह कदम तब उठाता है, जब वह अपनी घरेलू इंडस्ट्री और कंपनियों का संरक्षण करने के लिए कदम उठाता है.  इस ट्रेड वॉर का असर धीरे-धीरे पूरी दुनिया पर दिखने लगता है. इसकी वजह से वैश्व‍िक स्तर पर कारोबार को लेकर चिंता का माहौल तैयार हो जाता है.

चीन पर क्या होगा असर

डोनाल्ड ट्रंप अगर ट्रेड वॉर छेड़ देते हैं, तो चीन से उसे इसको लेकर करारा जवाब मिल सकता है. चीन दुनिया  का सबसे बड़ा स्टील निर्यातक देश है. ऐसे में वह भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी कंपनियों पर टैरिफ बढ़ाना शुरू कर सकता है. इससे माहौल और बिगड़ सकता है.

The United States has an $800 Billion Dollar Yearly Trade Deficit because of our “very stupid” trade deals and policies. Our jobs and wealth are being given to other countries that have taken advantage of us for years. They laugh at what fools our leaders have been. No more!

भारत पर इसका क्या असर?

अगर डोनाल्ड ट्रंप ऐसा कुछ फैसला लेते भी हैं, तो इसका भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा. दरअसल भारत के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी सिर्फ 2 फीसदी है.  हालांकि इस फैसले के बाद भारत में स्टील की सप्लाई बढ़ सकती है. विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ट्रंप के ऐसा कदम उठाने से पहले जो स्टील अमेर‍िका जा रहा था, वह भारत में भेजा सकता है. ऐसे में भारत एंटी-डंपिंग ड्यूटी पर गौर करना होगा.

 If the E.U. wants to further increase their already massive tariffs and barriers on U.S. companies doing business there, we will simply apply a Tax on their Cars which freely pour into the U.S. They make it impossible for our cars (and more) to sell there. Big trade imbalance!

If the E.U. wants to further increase their already massive tariffs and barriers on U.S. companies doing business there, we will simply apply a Tax on their Cars which freely pour into the U.S. They make it impossible for our cars (and more) to sell there. Big trade imbalance!