गुजर्मल मोदी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में बढ़ती आयु के साथ होने वाले सेहत संबंधी शिकायतों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसके तहत बॉडी के प्रकार्यात्मक उपापचय को दुरुस्त करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रिवेंटिव केयर से बढ़ती उम्र की तकलीफें दूर हो सकती हैं।
साकेत स्थित मेडिसिटी व जीएमएचआरसी की प्रेसिडेंट प्रीति मल्होत्रा ने कहा, “हमारा एंटी-एजिंग सेंटर हिंदुस्तान में अपने तरह का पहला मेटाबॉलिक व फंक्शनल वेलनेस क्लिनिक है, जिसका फोकस बढ़ती आयु की वजह से होने वाले मेटाबॉलिक नुकसान को रिवर्स करना है। ” उन्होंने कहा, ” हमारा विजन राष्ट्र में हेल्थकेयर मॉडल में व्यापक परिवर्तन लाना है।देशभर की सेहत सेवाएं रिएक्शनरी केयर पर आधारित है, प्रिवेंटिव केयर पर नहीं। हम इस डायनामिक को पूरी तरह बदल देना चाहते हैं।
किसी को बीमार पड़ना ही क्यों चाहिए? या अस्पताल ही क्यों जाना चाहिए? ये ऐसे प्रश्न हैं, जिनका जवाब हम स्मार्ट मेटाबॉलिक एंटी-एजिंग सेंटर के जरिये दे रहे हैं। ” एंटी-एजिंग केयर के विशेषज्ञ डॉ। ग्राहम सिम्पसन ने कहा, “स्मार्ट मेटाबॉलिक एंटी-एजिंग सेंटर हिंदुस्तान में हेल्थकेयर स्पेस में एक क्रांति होगी।
शहरी ज़िंदगी ने हमारी जीवनशैली व आहार व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन ला दिया है। इसकी वजह से कई कार्डियो मेटाबॉलिक बीमारियां, जैसे- डाइबिटीज व दिल की बीमारियां होती हैं। यह सेंटर इन चुनौतियों के लंबी अवधि के निवारण मुहैया कराने पर फोकस करेगा व कम से कम दो महीने में डाइबिटीज जैसी बीमारियों की रोकथाम करेगा। ”