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जस्टिस जोसेफ मामले पर कोलेजियम बैठक से पहले छुट्टी पर गए जस्टिस चेलमेश्वर

नई दिल्ली। सरकार और न्यायपालिका के बीच जस्टिस के. एम. जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. इस मुद्दे पर अब सभी की नज़रें सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम पर टिकी हैं. सुप्रीम कोर्ट के टॉप 5 जज कोलेजियम की बैठक करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. ये बैठक बुधवार को ही हो सकती है, लेकिन अब बैठक पर अभी भी संकट के बादल हैं.

लेकिन कोलेजियम के ही सदस्य जस्टिस चेलमेश्वर बुधवार को छुट्टी पर रहेंगे, यही कारण है कि वे कोलेजियम की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. बताया जा रहा है कि जस्टिस चेलमेश्वर अचानक ही छुट्टी पर गए हैं, क्योंकि उनकी कोर्ट के बाहर केस से जुड़ी लिस्ट अभी भी है. अगर जस्टिस चेलमेश्वर बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं, तो कोलेजियम बैठक आज भी टल सकती है. हालांकि, अभी इस पर भी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है.

सूत्रों की मानें, तो सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम जस्टिस के. एम. जोसेफ की नियुक्ति रोकने से संतुष्ट नहीं है और ना ही सरकार द्वारा तर्कों पर संतुष्टी दिख रही है. बता दें कि केंद्र सरकार ने जस्टिस के. एम. जोसेफ की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को वापस कर दिया था, जिसपर काफी हंगामा मचा है.

कोलेजियम में कौन जज हैं शामिल?

आपको बता दें कि कोलेजियम में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल हैं. सभी जज जस्टिस के. एम. जोसेफ की नियुक्ति पर सरकार के जवाब पर चर्चा करेंगे.

कई जज उठा चुके हैं सवाल

आपको बता दें कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के कई मौजूदा और पूर्व जज अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं. जस्टिस चेलमेश्वर, फिर कुछ हफ्तों बाद जस्टिस कुरियन जोसफ और पिछले हफ्ते जस्टिस मदन बी लोकुर ने भी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को चिट्ठी लिखकर सुप्रीम कोर्ट की गरिमा बचाने और सरकार की मनमानी रोकने के उपाय करने पर ज़ोर दिया. इन उपायों की तलाश के लिए फुलकोर्ट यानी सभी जजों की मीटिंग बुलाने की मांग की.

सरकार की ओर से क्या दिए गए तर्क

# वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस के. एम. जोसेफ का नंबर 42वां है. अभी भी हाईकोर्ट के करीब 11 जज उनसे सीनियर हैं.

# कलकत्ता, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और कई हाईकोर्ट के अलावा सिक्किम, मणिपुर, मेघालय के प्रतिनिधि अभी सुप्रीम कोर्ट में नहीं है.

# जस्टिस के. एम. जोसेफ केरल से आते हैं, अभी केरल के दो हाईकोर्ट जज सुप्रीम कोर्ट में हैं.

# पिछले काफी समय से सुप्रीम कोर्ट में SC/ST का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.

# कोलेजियम सिस्टम सुप्रीम कोर्ट का ही एक सिस्टम है.

# अगर केरल के ही एक और हाईकोर्ट जज की नियुक्ति की जाती है तो यह सही नहीं होगा.

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ के नाम को मंजूरी नहीं दिए जाने पर भी मोदी सरकार पर हमला बोला.

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लगातार कह रहे हैं कि न्यायपालिका खतरे में है. कानून कहता है कि सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम कहता है वही होगा, जबकि सरकार चाहती है कि अगर उनके मन मुताबिक नहीं हुआ तो कोलेजियम की सिफारिशों को नजरअंदाज करेगी और उसे मंजूरी नहीं देगी.

कपिल सिब्बल ने कहा कि बीजेपी कहती है कि देश बदल रहा है, लेकिन हम कहते हैं कि देश बदल चुका है. आज सरकार न्यायपालिका के साथ जो बर्ताव कर रही है, वह पूरा देश जानता है. सरकार की मंशा साफ है कि वह जस्टिस जोसेफ को जज नहीं बनने देंगे. सिब्बल ने कहा कि सरकार कोलेजियम के हिसाब से नहीं चलना चाहती है.