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चीन ने तिब्बत से नेपाल के लिए खोला हाईवे, भारत की बढ़ेगी चिंता

पेइचिंग। चीन ने तिब्बत से हो कर नेपाल सीमा तक जाने वाला एक रणनीतिक हाईवे को खोल दिया है, इसका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। यह हाईवे भारत के लिए भी चिंता का सबब हो सकता है। मीडिया की एक खबर के अनुसार, इस कदम के बारे में चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि इससे चीन आसानी से दक्षिण एशिया में प्रवेश करने में सक्षम होगा। तिब्बत में शिगेज हवाईअड्डे और शिगेज शहर के मध्य 40.4 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग को आधिकारिक तौर पर शुक्रवार को लोगों के लिए खोल दिया गया।

यह राजमार्ग तिब्बत की राजधानी ल्हासा को नेपाल सीमा पर स्थित झांगमू से जोड़ेगा। यह हाईवे एक ओर नेपाल सीमा से जुड़ता है तो दूसरी ओर से तिब्बत स्थित निंगची को जोड़ता है, जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बेहद निकट है। यह हाईवे भारतीय सीमा के काफी करीब से होकर जाएगा। इस हाईवे को सेना के वाहन चल सकेंगे और सैन्य उद्देश्यों से विमानों के टेक ऑफ के लिए इसे रनवे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस राजमार्ग का छोटा भाग इसे नेपाल सीमा से जोड़ता है। यह राजमार्ग नागरिक और सैन्य उद्देश्य से इस्तेमाल होने वाले हवाईअड्डे और तिब्बत के दूसरे सबसे बडे़ शहर के बीच की दूरी को आधा घंटा कम करेगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा है कि इससे चीन दक्षिण एशिया में व्यापार और रक्षा के मसले पर अपनी पहुंच बढ़ा सकेगा। भौगोलिक रूप से दक्षिण एशिया तक सड़क या रेल संपर्क का कोई भी विस्तार भारत, भूटान और बांग्लादेश से हो कर जाएगा। चीन रेल नेटवर्क के जरिए भी नेपाल तक पहुंच बनाने की योजना पर काम कर रहा है।

यदि चीन दक्षिण एशिया तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है तो उसे भारत, भूटान और बांग्लादेश तक रोड और रेल कनेक्टिविटी से जुड़ना होगा। चीनी अधिकारियों ने पहले भी कहा है कि यह परियोजनाएं बेहद उपयोगी हैं और यदि नई दिल्ली से साथ आना चाहे तो इनसे भारत और चीन दोनों को मदद मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक यह नया राजमार्ग शिगेज-ल्हासा रेलवे नेटवर्क के समानांतर चलता है और 5,476 किलोमीटर लंबे रूट के तहत शंघाई को नेपाल सीमा पर स्थित झांगमू से जोड़ता है।