Breaking News

गर्भवती होना सेना में महिलाओं की भर्ती के लिए न बने अड़चनः पंजाब हाईकोर्ट

court12चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में एक नए नियम की घोषणा की है। इसके तहत आर्मी मेडिकल कॉर्प्स (एएमसी) में डॉक्टर की भर्ती के लिए होने वाली चयन प्रक्रिया के दौरान महिला प्रत्याशी यदि गर्भवती हो जाती है तो उसे स्थाई तौर पर ज्वानिंग से नहीं रोका जा सकता।

अक्टूबर 22, 2009 को सशस्त्र बलों के महानिदेशक ने एक पत्र जार किया था, जिसके तहत एक गर्भवती महिला को आयोग में प्रवेश से रोक दिया गया। अपने नए नियम की घोषणा के साथ ही 2009 के इस केस का हवाला देते हुए कोर्ट ने ऐसे कदमों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया।

कथित केस में आवेदन और अंतिम चयन प्रक्रिया के दौरान महिला गर्भवती हो गई और इस कारण ही उसे ज्वाइनिंग से रोक दिया गया।

कोर्ट का कहना है कि किसी महिला को परिवार या रोजगार में किसी एक के चुनाव के लिए बाध्य करना, उसके रोजगार और जन्म देने दोनों ही अधिकारों के खिलाफ है। आधुनिक भारत में इसकी कोई जगह नहीं है। रोजगार विशेष की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए महिला को मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है या फिर बच्चे के जन्म तक जगह को महिला के लिए आरक्षित रखा जा सकता है।

दरअसल पंजाब के पठानकोट की एक महिला डॉक्टर ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। महिला का चुनाव जून 2013 में लघु सेवा आयोग के जरिए एएमसी में बतौर कैप्टन हुआ था। इस याचिका के फलस्वरूप ही 1 फरवरी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एच एस सिद्धू ने नए नियम की घोषणा की, जिसकी प्रति मंगलवार को जारी की गई।

याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया था कि महिला की प्रजनन प्रक्रिया को चयन प्रक्रिया में किसी भी तरह से बाधा नहीं बनने देना चाहिए।

याचिकाकर्ता महिला ने कोर्ट को बताया कि एमबीबीएस और एमडी पूरा करने के बाद, अंततः जून 10, 2013 को उनका चयन कर लिया गया। जुलाई 16, 2013 को महिला को फोर्स का हिस्सा बनने के लिए शारीरिक रूप से फिट भी घोषित कर दिया गया।

फरवरी 10, 2014 को महिला को पठानकोट के आर्मी अस्पताल में ज्वाइन करने के लिए कहा गया लेकिन तब तक वह गर्भवती हो चुकी थी। अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती होने की वजह से महिला की स्वास्थ्य के लिहाज स्

महिला ने याचिका में इस बात का भी जिक्र किया कि विवाहित महिलाएं भी एएमसी में लघु सेवा आयोग की भर्तियों के लिए योग्य हैं और उन्हें किसी अकादमी में सेना का प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं है।