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खूनी लुटेरे की पत्नी भी कम शातिर नहीं, शिक्षक पति को छोड़ भागी थी लुटेरे के साथ

लखनऊ। खूनी लुटेरे विनीत ने अपने गांव के एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की पत्नी को प्रेमजाल में फंसाया। इसके बाद उसके साथ भाग गया। उस वक्त शिक्षक की पत्नी के चार बच्चे थे। वह बिना शादी के ही विनीत के साथ रहने लगी। जिससे दो बच्चे हुए। इसके बाद भी खूनी लुटेरे की शातिर पत्नी ने पहले पति पर दावा नहीं छोड़ा। कुछ महीने पहले शिक्षक संदिग्ध हालात में लापता हो गया। तो उसे मृत बताकर नौकरी का भी दावा बतौर पत्नी कर दिया। हालांकि शिक्षक का शव अभी तक नहीं मिला है।

राजभवन के पास कैशवैन लूट की वारदात को अंजाम देने वाला विनीत तिवारी उर्फ बद्री काफी शातिर है। सीओ अलीगंज दीपक कुमार सिंह के मुताबिक उसने कुछ साल पहले गांव केही शिक्षक श्रीधर द्विवेदी की पत्नी सोनी को प्रेम जाल में फंसाया।

सोनी मूलरूप से भदोखर के उतरपारा की रहने वाली थी। श्रीधर से उसके चार बच्चे थे। श्रीधर के घर पर विनीत का आनाजाना था। इसी दौरान दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गया। दोनों ने भागकर शादी करने की योजना बनाई।

इसी के तहत दोनों गांव से फरार हो गये। लखनऊ आकर रहने लगे। दोनों ने मकान किराए पर लेने के लिए खुद को पति-पत्नी बताया। इसकी जानकारी विनीत की मां राजकुमारी को भी थी। वह साथ में ही रहने लगी। वहीं सीओ डलमऊ विनीत सिंह ने बताया कि दोनों अभी तक शादी नहीं की है। इसकी पुष्टि विनीत की तथाकथित पत्नी सोनी ने की। दोनों से दो बच्चे भी हुए। जो साथ में रहते थे। इसके बाद भी विनीत का अपराध से नाता नहीं टूटा।

पति को मृत दिखाकर नौकरी का किया दावा

सीओ अलीगंज दीपक कुमार सिंह के मुताबिक करीब तीन महीने से पहले शिक्षा विभाग द्वारा उसके पति श्रीधर द्विवेदी का वेतन रोक दिया गया। विभाग के  मुताबिक वह लगातार विद्यालय पर गैरहाजिर रह रहे थे। इसका लाभ उठाते हुए शातिर सोनी ने पहले पति श्रीधर को मृत घोषित कर उसकी नौकरी हथियाने का हथकंडा अपनाने लगी।

इसके लिए उसने विभाग में बतौर पत्नी आवेदन भी कर दिया। नौकरी मिल जाए इसकेलिए उसने एक वकील से पैरवी भी करा रही थी। सीओ केमुताबिक श्रीधर केपरिवारीजनों से भी पूछताछ की गई। जिसमें पता चला कि श्रीधर की मौत की सूचना तो मिली थी, लेकिन उसका शव नहीं मिला। पुलिसकर्मियों ने उसका अंतिम संस्कार लावारिस में कर दिया। अभी परिवारीजन उसे मृत मानने को तैयार नहीं है। फिलहाल अभी तक सोनी को नौकरी विभाग द्वारा नहीं दिया गया है।

सीओ डलमऊ विनीत सिंह के मुताबिक रायबरेली के भोला मजरे तेरूखा में लुटेरा विनीत अक्सर आता था। वह यहां पर देर रात में छिपकर पहुंचता था। इसके बाद लोगों की नजरों से बचकर भाग जाता था। विनीत केबहनोई करुणाशंकर दुबे पहले निजी वाहन चलाते थे। इसके बाद वह विदेश में रोजगार तलाश करने चले गये। विनीत ने 2013 में अपने दोस्त की हत्या की तो इस वारदात में उसे बचाने की पूरी कोशिश बहनोई करुणाशंकर ने किया था। इसी कारण विनीत का कदम अपराध की दुनिया में बढ़ता चला गया।

इनाम घोषित कर भूल गई रायबरेली पुलिस

रायबरेली में 2013 में लेनदेन के विवाद में अपने करीबी दोस्त की हत्या करने के बाद विनीत फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश का कोरम पूरा कर उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। उसकी संपति कुर्क कर दी। उस पर 2500 का इनाम घोषित कर दिया। इसकेबाद उसकी तलाश को ठंडे बस्ते में डालकर भूल गई। पांच साल में पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी। पुलिस सूत्रों की माने तो अगर रायबरेली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लेती तो शायद राजभवन के पास लूटकांड न होता।