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कोविड प्रबन्धन की मण्डल स्तर पर बेहतर मॉनिटरिंग के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के विरुद्ध हर स्तर पर सभी के सहयोग और समन्वय के साथ पूरी मजबूती और दृढ़ता के साथ संघर्ष करना होगा, तभी इसके सुपरिणाम निकलेंगे और सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी में रिकवरी की दर में वृद्धि एक सुखद संकेत है। उन्होंने कोविड प्रबन्धन की मण्डल स्तर पर बेहतर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी मण्डलायुक्त अपनी कमिशनरी के जिलों में कोविड बेड की संख्या में वृद्धि, ऑक्सीजन सहित जीवन रक्षक दवाओं की अनवरत उपलब्धता की गहन समीक्षा करते हुए उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखें। प्रदेश सरकार प्रभावी उपचार के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में रात्रिकालीन कोरोना कफ्र्यू रात्रि 08 बजे से प्रातः 07 बजे तक लागू होगा।

मुख्यमंत्री जी आज मण्डलायुक्तों, स्वास्थ्य विभाग के मण्डलीय अपर निदेशकों तथा जोन व रेंज स्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आगरा, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, आजमगढ़, अयोध्या, झांसी आदि मण्डलायुक्तों से संवाद कर उनके मण्डलों में कोरोना प्रबन्धन, बचाव व उपचार के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फील्ड में तैनात यह अधिकारीगण शासन एवं जनपद के बीच एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इसलिए कोविड पर प्रभावी नियंत्रण करने में इनके दायित्व अत्यन्त चुनौतीपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल बेड उपलब्ध होने पर कोविड पॉजिटिव मरीज को भर्ती के लिए मना न करे। यदि सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है, तो सम्बन्धित अस्पताल उसे निजी चिकित्सालय में सन्दर्भित करेगा। प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीज भुगतान के आधार पर उपचार कराने में यदि सक्षम नहीं होगा, तो ऐसी दशा में राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमन्य दर पर वहां उसके इलाज का भुगतान करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में उपचार के अभाव में किसी भी मरीज का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अधिकारियों को पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए कोविड प्रबन्धन व संक्रमित मरीजों के उपचार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों, जनपद के प्रभारी मंत्रियों तथा इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन से संवाद बनाते हुए व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ करने के भी कार्य किए जाएं। होम आइसोलेशन तथा अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ किसी भी प्रकार संवादहीनता न हो। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जाए, जिसमें कम से कम 07 दिन की दवाएं उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने युद्धस्तर पर प्रयास करके ऑक्सीजन आपूर्ति को सुचारु बनाए रखा है। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। लेकिन इसके दुरुपयोग को हर हाल में रोकना होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऑक्सीजन का वेस्टेज किसी भी प्रकार से न हो। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी मण्डलायुक्त अपने मण्डल के समस्त जनपदों में ऑक्सीजन आपूर्ति की नियमित समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक 100 बेड के अस्पताल में ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित करने की कार्यवाही की जाए। इनके अलावा, जनपदों में ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित करने की सम्भावनाओं के प्रस्ताव मुख्य सचिव को प्रेषित किए जाएं। जिनकी प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अस्पताल में फायर सेफ्टी सम्बन्धी सभी तैयारियां व कार्यवाही सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर की भूमिका और प्रभावी व बेहतर बनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मण्डलायुक्त इस बात को सुनिश्चित करें कि उनके मण्डल में काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रभावी ढंग से हो। शत-प्रतिशत टेस्टिंग भी की जाए। इस सम्बन्ध में नियमित रूप से समीक्षा हो। यह भी देखा जाए कि टेस्टिंग का कार्य गुणवत्तापरक ढंग से हो। निगरानी समितियां प्रभावी ढंग से कार्यशील रहें और उन्हें आई0सी0सी0सी0 के साथ जोड़े जाने की भी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि कण्टेनमेण्ट जोन्स में प्रभावी ढंग से सख्ती के साथ कार्यवाही हो। आवश्यक सेवाएं संचालित रहें। मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से हो। ऐसा न पाए जाने पर प्रवर्तन की कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम्बुलेंस सेवा ‘108’ के 50 प्रतिशत वाहन कोविड कार्यों के लिए लगाए जाएं। मरीज को एम्बुलेंस के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। रिस्पाॅन्स टाइम कम रहे और वह भर्ती होने की स्थिति में तत्काल अस्पताल पहुंचे। कोविड संक्रमित व्यक्ति की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में अन्तिम संस्कार प्रशासन की देख-रेख में पूरे सम्मानजनक ढंग से किया जाए। इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के आर्थिक उत्पीड़न की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रबन्धन के लिए मानव संसाधन हर हाल में उपलब्ध रहें। उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों की भी सहायता ली जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग की भूमिका के दृष्टिगत यह कार्य व्यापक स्तर पर किए जाएं। इससे मलेरिया, डेंगू, कालाजार, इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों को भी रोकने में मदद मिलेगी। कण्टेनमेण्ट जोन के प्रत्येक घर को सैनिटाइज किया जाए। कोविड लक्षण पाए जाने पर मरीज के उपचार की व्यवस्था तुरन्त हो। बाल संरक्षण गृह, महिला संरक्षण गृह आदि जैसी संस्थाओं में भी कोविड जांच करायी जाए। सभी अस्पतालों में वेण्टीलेटर, एच0एफ0एन0सी0 आदि उपकरण क्रियाशील रहें। वर्चुअल आई0सी0यू0 से जुड़ते हुए व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए। प्रत्येक जनपद में एल-3 सुविधा के बेड्स उपलब्ध रहें।
समीक्षा में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।