कब कहां पैर पसार ले कुछ बोला नहीं जा सकता है। इसलिए सरकारी एजेंसियां व सेहत विभाग लगातार नजर बनाए हुए हैं। केरल से एक्सपोर्ट होने वाले फलों व सब्जियोंको कई राष्ट्रों में बैन किया जा चुका है। वहीं, अब देशभर में भी अलर्ट है कि केरल से आने वाले खजूर व आम को न खाया जाए। फिलहाल, केरल से देशभर में भेजे जाने वाले फलों की जांच की जा रही है। लेकिन, राष्ट्र के दूसरे इलाकों में इसको लेकर सतर्कता है। लोग फलों को खरीदने से कतरा रहे हैं। वहीं, पिछले सीजन के मुकाबले आम व खजूर की बिक्री में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है।
सीजनल फल पर खतरा
आज का सीजन प्रारम्भ हो चुका है। लेकिन, को देखते हुए इसकी बिक्री में जोरदार गिरावट देखने को मिली है। रमजान का महीना व सीजन होने के बावजूद लोग इसे खरीदने से बच रहे हैं। केरल के कलूर में PJJ फ्रूट्स के मालिक जयसन के मुताबिक, जब से यह समाचार आई है कि चमगादड़ के फल खाने से निपाह वायरस फैल सकता है, तब से बिक्री गिर गई है।
खजूर को लेकर भी अलर्ट
आम के अतिरिक्त खजूर को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है। केरल से देशभर में खजूर की सप्लाई होती है। साथ ही यहां से दूसरे राष्ट्रों में भी खजूर का एक्सपोर्ट किया जाता है।फिलहाल, खजूर के नमूनों की जांच की जा रही है। हालांकि, सेहत विभाग का कहना है कि फिल्हाल ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, जिससे खजूर की बिक्री पर प्रभाव पड़े। सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से इस पर ध्यान दे रहे हैं। माना जा रहा है कि चमगादड़ खजूर पर सबसे ज्यादा बैठता है। इसे धोकर ही खाने में प्रयोग करना चाहिए। हालांकि, यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि चमगादड़ ही निपाह वायरस का मूल कारण है।
चमगादड़ खाते हैं ये फल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चमगादड़ की प्रतिदिन डाइट में शामिल फलों में आम, अमरूद व चीकू शामिल हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह उनके पसंदीदा फल हैं। केरल में निपाह वायरस फैलने के बाद से फलों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है। निपाह वायरस की खबरों के बाद से ही केरल के आम की बिक्री लगभग बंद हो गई है।
ऐसे फल चुनते हैं चमगादड़
त्रिसुर हॉर्टिकल्चर कॉलेज के डीन जॉर्ज थॉमस के मुताबिक, चमगादड़ केवल चुनिंदा फलों को खाते हैं। उन्होंने कहा, “वे जैकफ्रूट पर हमला नहीं करते हैं, लेकिन आम, रामबुतान वसपोट्टा या चिकू पसंद करते हैं, क्योंकि ऐसे फलों का बाहरी भाग बहुत ज्यादा नरम होता है। “