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कांग्रेस के लिए चुनाव मैनेजमेंट पर कैंब्रिज एनालिटिका ने बनाया था PPT

नई दिल्ली। फेसबुक डाटा लीक मामले में कांग्रेस भले ही यह दावा कर रही है कि उसने चुनावों में चुनावी मैनेजमेंट से संबंधित ब्रिटिश रिसर्च फर्म कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं नहीं ली हैं लेकिन साक्ष्‍य कुछ और ही तस्‍वीर बयान करते हैं. एक न्यूज़ चैनेल  के अख़बार के पास ऐसे दो पावरप्‍वाइंट प्रेजेंटेशन(PPT) उपलब्‍ध हैं जो इसकी भारत में शाखा कंपनी एससीएल इंडिया ने 2012 में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के लिए बनाया था. इसमें एसएसीएल इंडिया ने दावा किया कि उसके पास ‘स्‍थानीय जानकारी’ और ‘पॉलिटिकल इंटेलीजेंस एवं इलेक्‍शन मैनेजमेंट’ से संबंधित सॉफ्टवेयर है. इसमें यह भी दावा किया गया कि उसके पास ‘व्‍यवहारिक परिवर्तन के लिए जिम्‍मेदार सूचना पद्धति’ (behavioural change communications methodology) है. इसमें इलेक्‍शन मैनेजमेंट से जुड़ी समस्‍त सेवाएं मसलन जाति रिसर्च, वोटर डेमोग्राफिक डाटा कलेक्‍शन और विश्‍लेषण, बिहेवेरियल पोलिंग, चुनावी अभियान के लिए लक्षित समूह का विश्‍लेषण से जुड़ी सामग्री देने की बात कही गई.

इसमें सभी स्‍तरों पर पार्टी नेताओं को सक्षम बनाने के लिए एंड्रायड पर आधारित मोबाइल ऐप देने की बात भी कही गई. इसके तहत चुनावों में प्रत्‍याशियों के चयन से लेकर चुनावी प्रबंधन तक की सेवाएं देने का वादा किया गया. इन पीपीपी स्‍लाइड में ऐसी भी खास सेवाएं देने की बात कही गईं जो एक तरह से जासूसी जैसा प्रयास कहा जा सकता है. मसलन कांग्रेस को बिहेवेरियल पोलिंग, राजनीतिक गतिविधियों की निगरानी, अहम सूचनाओं का संग्रह और लक्षित समूह की पहचान जैसे ऑफर किए गए.

बिहार के बारे में एक प्रेजेंटेशन के माध्‍यम से कैंब्रिज एनालिटिका और एससीएल इंडिया का कांग्रेस से जुड़ाव दिखता है. इसमें एक स्‍लाइड ‘Findings-INC Bihar’ में कहा गया, ”पिछले चुनावों में राहुल गांधी की एक जनसभा में भारी भीड़ उपस्थित हुई लेकिन कांग्रेस प्रत्‍याशियों के पास इस भीड़ को वोटबैंक में तब्‍दील करने का कोई रोडमैप इसलिए नहीं था क्‍योंकि उसके पास समर्पित कार्यकर्ता नहीं थे. कांग्रेस के पास जमीनी स्‍तर पर संरचनात्‍मक अभाव के कारण उन वोटरों और समर्थकों को पोलिंग स्‍टेशन तक लाने का कोई तंत्र नहीं था. प्रत्‍याशियों ने राहुल गांधी को नेता के बजाय सेलेब्रिटी की तरह पेश किया.” इसी प्रेजेंटेशन में एक जगह यह भी कहा गया, ”राहुल गांधी बेहद लोकप्रिय नेता हैं और उनका नाम ही कांग्रेस समर्थकों को प्रोत्‍साहित करने के साथ उनमें इच्‍छाशक्ति जगा सकता है.” इस प्रेजेंटेशन में एक सलाह यह दी गई, ”जिला लेवल कांग्रेस नेताओं में से जाति और जन नेताओं को प्रोत्‍साहित और बढ़ाना चाहिए.”

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क्रिस्टोफर वायली कैंब्रिज एनालिटिका के एक पूर्व कर्मचारी हैं और उन्होंने ही सारा मामला उजागर किया है.(Photo-ANI)

कैंब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारी का बयान
दरअसल कैंब्रिज एनालिटिका के एक पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वायली ने खुलासा किया है कि कैंब्रिज की सेवाएं कांग्रेस पार्टी ने ली थीं. डेटा लीक मामले का खुलासा करने वाले व्हिसल ब्लोअर क्रिस्टोफर वायली का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी के तार भारत में गहराई से जुड़े हुए हैं. इस कंपनी के भारत में कई ग्राहक हैं. वायली ने ब्रिटेन के सांसदों के सामने स्वीकार किया कि कंपनी के भारतीय ग्राहकों में कांग्रेस पार्टी भी शामिल है. मामले के मीडिया में सामने आने के बाद ब्रिटेन सरकार ने क्रिस्टोफर वायली को सदन में बुलाया था और इस मामले में सच्चाई रखने को कहा. वायली ने ब्रिटेन की संसदीय समिति के सामने कैंब्रिज के ग्राहकों में कांग्रेस पार्टी का नाम भी लिया.

कांग्रेस का बयान
कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका(सीए) के मुद्दे को तूल दे रही है. पार्टी ने कानून मंत्री से सवाल किया कि यदि उनके पास साक्ष्य हैं तो फेसबुक, सीए तथा उसकी सहयोगी ओबीआई के खिलाफ प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं करवा रहे हैं? कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कानून मंत्री आए दिन एक मनगंढ़त झूठ रचकर भाजपा एवं सरकार की ओर से देश का ध्यान बंटाने का काम कर रहे हैं.