नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि राज्य में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर जेडीएस और कांग्रेस में बात बन गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ सुझाव दिया है और कांग्रेस नेता उसे मान रहे हैं. लेकिन उन्होंने यह भी दोहराया कि जो भी पोर्टफोलिया बांटा जाएगा वह बराबरी के दर्जे पर होगा. यानि वह एकतरफा फैसले नहीं मानेंगे.
हालांकि सीएम पद की शपथ लेने के दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे यह कुर्सी ‘पुन्यात्मा’ राहुल गांधी की शुभकामनाओं से मिली. वह इसके लिए उनके आभारी हैं न कि राज्य की 6.5 करोड़ जनता के. कुमारस्वामी के इन बदले तेवरों से कांग्रेसी हैरान हैं. क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के पुराने अनुभव कड़वे रहे हैं. कांग्रेसियों का कहना है कि वह लोगों को यही जता रहे हैं कि जो कुछ भी हो रहा है वह कांग्रेस की मंशा पर निर्भर है. इसके मायने यह हुए कि अगर दोनों दलों में आगे कोई मतभेद उभरेगा तो वह इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराएंगे.
People from the both parties (Congress & JDS) have agreed on everything regarding portfolio allocation. Rahul Gandhi had given some advice, and Congress leaders have agreed to it. Whatever portfolios are there, we have to share them equally: Karnataka CM HD Kumaraswamy pic.twitter.com/g92vAi1hO3
— ANI (@ANI) June 1, 2018
सरकार के मुखिया हैं तो उठानी होगी कुमारस्वामी को जिम्मेदारी : कांग्रेस
कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि कुमारस्वामी सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं. वह सारा भार राहुल गांधी की ओर शिफ्ट कर रहे हैं. अगर कैबिनेट के गठन या किसानों की कर्ज माफी को लेकर किसी भी तरह का असंतोष पैदा हुआ तो वह इसके लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराएंगे. एक अन्य कांग्रेसी ने कहा कि यह अनुचित है. वह सरकार के मुखिया हैं और विश्वास मत जीता है, वह इस मामले में कैसे जिम्मेदारी दूसरे पर डाल सकते हैं. सरकार का मुखिया होने के नाते किसी दूसरे के सिर मढ़ने की बजाय उन्हें खुद जिम्मेदारी उठानी होगी. दूसरों पर इल्जाम लगाने की उनकी आदत है.
कुमारस्वामी के राहुल की प्रशंसा पर कांग्रेसियों की राय अलग
कांग्रेस प्रवक्ता वीएस उगरप्पा ने हालांकि इस मामले में सकारात्मक दिखे. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि राहुल गांधी की प्रशंसा करने में कोई बुराई नहीं है, वह भी तब जब पार्टी ने सीएम पद के लिए कुर्बानी दी ताकि सांप्रदायिक ताकतें दूर रहें. कांग्रेस में कई लोगों ने सीएम की विनम्रता की तारीफ की है और उनके प्रति सम्मान बढ़ा है. राहुल और कांग्रेस की प्रशंसा कर कुमारस्वामी अपने दल के कार्यकर्ताओं को यही संदेश देना चाहते हैं कि स्थानीय स्तर पर शांति बनाए रखने की जरूरत है. राजनीतिक विश्लेषक संदीप शास्त्री के मुताबिक मुख्यमंत्री को किसी स्तर पर जिम्मेदारी उठानी होगी. उनकी विनम्रता को दो रूपों में लेना चाहिए. पहला, शासन की बागडोर संभालते वक्त ईमानदार असहाय शासक की भूमिका और दूसरे कांग्रेस के समर्थन के साभार के रूप में लेना चाहिए.