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………और डुभाल ने बताया, “आपरेशन ओवर मिशन कम्प्लीट”

modi-dobhalनई दिल्ली। उरी हमले में मारे गए देश के शहीद जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए चलाये गए आपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ही पूरा हुआ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डुभाल ने पीएम मोदी को तड़के 4 .30 बजे फोन कर यह बताया, “आपरेशन ओवर मिशन कम्प्लीट.” दरअसल मोदी रात भर इस आपरेशन के पल-पल की जानकारी रात भर जाग कर ले रहे थे.

सूत्रों के मुताबिक उरी हमले का बदला लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात दिन पहले बनाया था इस आपरेशन का प्लान. इस सीक्रेट आपरेशन का ताना-बाना सेना के वाररूम में बैठकर बुना गया था. यही नहीं इस प्लान की जानकारी सिर्फ चार लोगों को ही थी. इन चार लोगों में पीएम नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डुभाल और सेना प्रमुख जरनल दलवीर सुहाग को ही थी.

और तो और पहले यह आपरेशन मंगलवार को किया जाना था, लेकिन बाद में इसे बुधवार को अंजाम दिया गया. बताया जाता है कि बकायदा इस आपरेशन को शुरू करने से पहले सेना की इंटेलिजेंस ने पाक के आतंकी ठिकानों की रेकी कि थी. इतना ही नहीं पाक के आतंकी ठिकानों पर बोले गए इस हमले की सेना के नार्दन कमांड से मॉनीटरिंग कि जा रही थी. यही नहीं LOC सीमा से तीन किलोमीटर पाक में बने आतंकी ठिकानों पर हमला करने के लिए सेना के कमांडों ने जंगल का रास्ता चुना और फिर जमीन पर रेंगते हुए पाकिस्तान के भीतर कमांडो घुसे. कुल 150 कमांडों ने इस आपरेशन को अंजाम देने के लिए 30 -30 जवानों के पांच टुकड़ियां बनाई गयीं.

इन कमांडों के पास सोल्डर लांचर और हैवी मशीनगनें थीं, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने में उन्हें कोई दिक्कत का सामना आतंकियों का सफाया करने में न हो. रात साढे 12 बजे से शुरू हुआ यह आपरेशन भोर में 4 .30 बजे जाकर समाप्त हुआ. रात के 12 बजे. पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव पर 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो सवार होकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हुए. नियंत्रण रेखा के पार हेलिकॉप्टर ने इन जवानों को एक सूनसान  जगह उतार दिया. हर जगह खतरा था. पाकिस्तानी सेना की फायरिंग की आशंका के बीच इन कमांडोज ने तकरीबन तीन किलोमीटर का फासला रेंग कर तय किया. देश में तबाही मचाने के लिये यहां आतंकियों के लॉन्च पैड्स भिंबर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में स्थित थे.

पाकिस्तानी सेना को भारत के इस कदम का कोई आभास नहीं हुआ. हमले से पहले आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स पर खुफिया एजेंसियां एक हफ्ते से नजर रखे हुए थीं. रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस पूरी मुस्तैदी से आतंकवादियों की एक-एक हरकत पर नजर रखे हुए थी. सेना ने हमला करने के लिए कुल छह कैंपों का लक्ष्य रखा था. हमले के दौरान इनमें से तीन कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया. कमांडोज तवोर और एम-4 जैसी राइफलों, ग्रेनेड्स, स्मोक ग्रेनेड्स से लैस थे. साथ ही उनके पास अंडर बैरल ग्रेनेड लॉंचर, रात में देखने के लिए नाइट विजन डिवाइसेज और हेलमेट माउंटेड कैमरा भी थे. बहरहाल भारत को गीदड़ भपकी देने वाले पाक के हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर – ए- तैयबा के 38 आतंकियों को इस आपरेशन में मार गया.