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उम्मीद्वारो के आतंरिक सर्वे के बाद लगभग 40 सिटिंग विधायको के टिकट पर तलवार लटकी

mulayam-lkoलखनऊ। सूबे के विधान सभा चुनावो को ले कर शुरूआती लड़खडाहट के बाद समाजवादी पार्टी अब पूरे जोर शोर से अपना अभियान शुरू करने में जुट गयी है. इस अभियान की कमान खुद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सम्हाली है और अब वे मंडलवार रैलियों के जरिये पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं और जनता में जोश भरेंगे. मुलायम की रैलियों के लिए तारीखे तय करने का काम शुरू हो चूका है. 7 दिसंबर को बरेली में रैली तय है तो उसके बाद 20 दिसंबर को देवरिया में मुलायम कि रैली होने की संभावना है.

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव जनवरी के दुसरे हफ्ते में पूरे जोर शोर से चुनावी मैदान में उतरेंगे क्योंकि तब तक मौजूदा विधान सभा का अंतिम सत्र 22 दिसंबर से शुरू हो कर जनवरी के पहले हफ्ते तक चलने की उम्मीद है.

इस बीच पार्टी ने हर सीट पर अपने उम्मीद्वारो का आतंरिक सर्वे करवा लिया है और इसके बाद लगभग 40 सिटिंग विधायको के टिकट पर तलवार लटक गयी है. इन विधायको के बारे में कहा जा रहा है कि इनमे से कई ऐसे हैं जो पाला बदलने की तैयारी में थे और बहुत से ऐसे भी हैं जो मुलायम सिंह की तमाम चेतावनियों के बावजूद नहीं सुधरे और जमीनों के कब्जे और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे रहे.

सपा आलाकमान का मानना है कि ऐसे विधायको के कारण ही जनता में सरकार विरोधी रुख बढ़ा है और यदि इनके टिकट काट कर जुझारू नेताओं को टिकट दिया जाता है तो ही इन सीटो पर पार्टी की नैया पार लग सकती है.

टिकती के मामले में अखिलेश यादव ने भी अपना रुख कड़ा रखा है और वे दागियों को अपने साथ कतई नहीं रखना चाहते हैं. अखिलेश की निगाह में कई ऐसे मंत्री भी हैं जो अपने अपने आकाओं की वजह से मंत्री पद बचने में कामयाब तो रहे हैं मगर अब अखिलेश उन्हें बर्दाश्त नहीं करने के मूड में हैं.