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आखिर US ने भारत के साथ क्यों टाली पहली 2+2 वार्ता, क्या रूस-ईरान हैं वजह?

वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका के रिश्तों को नई ऊंचाई देने के लिए छह जुलाई को आयोजित होने वाली पहली टू प्लस टू वार्ता स्थगित हो गई है, लेकिन अभी तक इसकी वजह साफ नहीं हो पाई है. हालांकि इतना जरूर कहा गया है कि इसको अपरिहार्य कारणों के चलते स्थगित किया गया है, लेकिन यह कारण स्पष्ट तौर से नहीं बताया गया है.

अमेरिका-भारत संबंधों पर नजर रखने वाले इसे दुर्भाग्यपूर्ण और ट्रंप प्रशासन के लिए असहज करने वाली स्थिति करार दे रहे हैं. एक पर्यवेक्षक ने कहा कि रूस के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यस्तता की वजह से शायद यह वार्ता स्थगित हुई है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो और रक्षामंत्री जेम्स मैटिस के साथ छह जुलाई को वार्ता के लिए अमेरिका जाने वाली थीं. इस नई वार्ता के प्रारूप पर जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी थी. इसे दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करने के एक माध्यम के रूप में देखा जा रहा था.

यह वार्ता का उस समय स्थगित हुई है, जब भारत ने रूस से 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने की योजना बनाई है. माना जा रहा है कि अमेरिकी चुनाव में रूस के दखल के चलते दोनों देशों के रिश्ते बिगड़े हैं. इसको लेकर अमेरिका ने रूस के खिलाफ अगस्त 2017 में काटसा कानून पारित किया था. भारत चाहता है कि रूस से उसके रक्षा सौदे इस कानून के दायरे से बाहर हों.

वहीं, भारत की रूस से करीबी अमेरिका को रास नहीं आ रही थी. इसके अलावा वार्ता के स्थगन से एक दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने भारत और अन्य देशों से चार नवंबर तक ईरान से तेल आयात खत्म करने या प्रतिबंधों का सामना करने को कहा था. इसको भी इस वार्ता के स्थगन होने की वजह माना जा रहा है.

वार्ता टलना दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी लड़खड़ाहट

भारत और अमेरिका के बीच होने वाली यह टू प्लस टू वार्ता रणनीतिक, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करने पर केंद्रित होने की उम्मीद थी. विल्सन सेंटर के माइकल कुगेलमान ने ट्वीट किया कि यह वार्ता टलना अमेरिका-भारत संबंध में बहुत बड़ी लड़खड़ाहट है.

उन्होंने कहा, ‘ट्रंप युग में कोई भी अमेरिकी संबंध अभेद्य नहीं है. यह वाकई बड़ा है. टू प्लस टू का संबंधों को दुरुस्त करने के लिए उपयोग किया जा सकता था, जो अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बढ़ते तनाव से जूझ रहे हैं.’

जल्द तय की जाएगी वार्ता की तारीख और समय

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अमेरिका के उनके समकक्ष माइक पोम्पिओ टू प्लस टू वार्ता को आपसी सहमति से सुविधाजनक समय और स्थान पर जल्द से जल्द फिर से आयोजित करने पर सहमति बन गई है. उन्होंने बताया कि पोम्पिओ ने अमेरिका-भारत के रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा करने के लिए फोन पर सुषमा से बातचीत की. उन्होंने टू प्लस टू वार्ता के टलने पर सुषमा से खेद प्रकट किया.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ी प्राथमिकता हैं और वो इस साझेदारी को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के प्रति आशान्वित हैं. ओबामा प्रशासन के पूर्व अधिकारी जोशुआ टी व्हाइट ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता का टलना दुर्भाग्यपूर्ण है और अमेरिका के लिए थोड़ा अधिक असहजकारी है.