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अखिलेश यादव का पलटवार, तलवार दी है तो भांजूगा जरूर, चाहे जिसके लगे

akhilesh-yadavलखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी की कलह एक बार फिर से सतह पर दिखाई दी। समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर से दोनों विरोधी खेमे आमने-सामने दिखाई दिए। शिवपाल यादव ने जहां मंच से अखिलेश यादव को खरी-खोटी सुनाई तो वहीं अखिलेश ने भी पलटवार किया। समारोह में सभी नेताओं को प्रतीक स्वरूप तलवार दी गई थी। इसी को आधार बनाकर अखिलेश ने कहा कि मेरे हाथ में तलवार दी है और मैं इसे न चलाऊं ये नहीं हो सकता। तलवार तो मैं चलाउंगा अब वो किसको लगती है ये बाद की बात है। साफ है कि अखिलेश ने संकेत दे दिए हैं कि वो अब झुकने वाले नहीं है। वो अपने हिसाब से सरकार और पार्टी को चलाएंगे। खास बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मुलायम सिंह यादव भी मंच पर मौजूद थे।

अखिलेश यादव ने कहा कि आप लोग मुझे तलवार दे रहे हैं। लेकिन चाहते हैं कि में इसे न चलाऊं, ऐसा तो नहीं हो सकता है। उन्होने कहा कि समाजवादी परिवार में किसी को परीक्षा देने की जरूरत नहीं है। अगर परीक्षा देनी ही है तो मैं तैयार हूं। अखिलेश ने भरोसा जताया है कि अगले विधानसभा चुनाव में फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। इस से पहले चाचा शिवपाल ने जमकर अखिलेश के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। शिवपाल ने कहा कि वो पार्टी के लिए अपना खून भी देने को तैयार हैं। उन्होने कहा कि चाहे जितना मेरा अपमान कर लो। चाहे जितनी बार मुझे मंत्रीपद से बर्खास्त कर दो। इसके अलावा भी शिवपाल ने काफी बातें कहीं। उन्होने अखिलेश की तारीफ कर रहे एक नेता को मंच से भी धक्का दे कर हटा दिया था। अखिलेश को मैका मिला तो उन्होने भी जमकर अपने मन की बात सबके सामने रखी।

अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी में कुछ लोगों को मेरी बात समझ नहीं आ रही है। उन्हे बातें समझ में आएंगी लेकिन देर से। जब सब कुछ बिगड़ जाएगा तो उन्हे मेरी बात समझ में आएगी। अखिलेश ने कहा कि परिवार में सब ठीक है लेकिन कुछ लोग पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम आपसी तनातनी में बदल गया। इस समारोह में यूपी कैबिनेट से बर्खास्त नेता भी मौजूद थे। जिनको देख कर अखिलेश का मूड खराब हो गया। बता दें कि अखिलेश की रथ यात्रा के मौके पर वो नेता भी आए थे, जिन्हे शिवपाल ने पार्टी से निकाल दिया था। उस वक्त शिवपाल ने कहा था कि पार्टी से निकाले गए नेताओं को कार्यक्रम में नहीं आना चाहिए था। उसी बात का बदला शिवपाल ने मंत्रीमंडल से बर्खास्त नेताओं को बुलाकर लिया।

अखिलेश यादव ने भी शिवपाल पर चुन-चुन कर हमले किए। उन्होने राम मनोहर लोहिया का उदाहरण देते हुए कहा कि लोहिया जी ने कहा था कि एक दिन लोग मेेरी बात सुनेंगे लेकिन तब तक देर हो चुकी होगी। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी में लोग मेरी बात सुनेंगे लेकिन पार्टी के बिगड़ने के बाद। अखिलेश ने कहा कि विचारधारा को बचाने के लिए तलवार चलानी पड़ेगी। अखिलेश ने कहा कि नेताजी ने बहुत मेहनत से पार्टी बनाई है। इसे खराब नहीं होंने देंगे। अखिलेश ने जो भी कहा उस से साफ है कि अब समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक की उम्मीद काफी कम है। अब सीधा मुद्दा चुनाव जीत का है। सभी उसमें योगदान कर रहे हैं लेकिन असर किसका होगा ये देखने वाली बात होगी। मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक कौशल की भी परीक्षा होगी कि वो दरकते हुए परिवार के साथ चुनाव समर में फतह कैसे हासिल करते हैं।