नई दिल्ली। संसद में बजट सेशन के दूसरे दिन बुधवार को राज्यसभा-लोकसभा में हंगामेदार बहस हुई। राज्यसभा में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित स्टूडेंट सुसाइड केस पर हंगामा हुआ। कुछ देर के लिए स्मृति ईरानी और मायावती आमने-सामने हो गईं। वहीं, लोकसभा में जेएनयू में देशविरोधी नारेबाजी के मुद्दे पर सरकार और अपोजिशन में तीखी बहस हुई।
मायावती vs स्मृति ईरानी
– रोहित वेमुला सुसाइड मामले पर बीएसपी चीफ मायावती बुधवार सुबह से ही राज्यसभा में चर्चा चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने नोटिस भी दिया था।
– बीएसपी सांसद लगातार वेल में आकर नारेबाजी कर रहे थे।
– पांच बार सदन स्थगित होने के बाद जैसे ही सरकार ने दोनों मामले (दलित सुसाइड-जेएनयू विवाद) पर चर्चा करानी चाही, मायावती ने विरोध शुरू कर दिया।
– मायावती ने कहा, ”पहले मानव संसाधन विकास मंत्री से एक सवाल का जवाब चाहती हूं कि मामले की जांच करने वाली न्यायिक समिति में कोई दलित सदस्य है या नहीं?”
– इस पर एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने कहा, ”सदस्य चर्चा होने दें और मैं सवाल का जवाब देने को तैयार हूं।”
– इतना सुनते ही बीएसपी के मेंबर के वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
– मंत्री ने मायावती से कहा, “मैं आपसे विनम्र निवेदन करती हूं। आप मुझसे जो जवाब चाहती हैं, उन सभी के जवाब दूंगी। मैं आपसे कहती हूं कि यदि आप मेरे जवाब से संतुष्ट न हों, आज इस सभा में कहती हूं, बसपा के एक-एक कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहती हूं। यदि आप मेरे जवाब से संतुष्ट न हों तो मैं सिर कलम करके आपके चरणों में रख दूंगी।”
– मायावती ने कहा- “मैं केवल सरकार से इतना ही चाहती हूं, जो न्यायिक जांच कमेटी के आदेश दिए गए हैं उनमें दलित को रखना है या नहीं रखना।”
– स्मृति ने रोकते हुए कहा- “उस कमेटी में दलित थे, लेकिन आप उसे नहीं मानते। आप यह कहना चाहती हैं कि जांच कमेटी बनी थी उसमें दलित नहीं था। उसमें दलित प्रोफेसर को शामिल किया गया था।”
– इससे पहले मायावती ने आरएसएस की विचारधारा थोपने के लिए इन्होंने हैदराबाद यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी जेएनयू जैसे उच्च संस्थानों को भी नहीं छोड़ा है। इसकी वजह से हैदराबाद में एक दलित स्टूडेंट रोहित वेमुला को सुसाइड के लिए मजबूर होना पड़ा।
– जब तक इससे जुड़े लोगों को पद से नहीं हटाया जाता है तब तक जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।
– इस पर स्मृति ने कहा, ”आपने एक मर चुके बच्चे का इस्तेमाल पॉलिटिकल टूल के तौर पर कर रही हैं।”
– बीएसपी सांसद लगातार वेल में आकर नारेबाजी कर रहे थे।
– पांच बार सदन स्थगित होने के बाद जैसे ही सरकार ने दोनों मामले (दलित सुसाइड-जेएनयू विवाद) पर चर्चा करानी चाही, मायावती ने विरोध शुरू कर दिया।
– मायावती ने कहा, ”पहले मानव संसाधन विकास मंत्री से एक सवाल का जवाब चाहती हूं कि मामले की जांच करने वाली न्यायिक समिति में कोई दलित सदस्य है या नहीं?”
– इस पर एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने कहा, ”सदस्य चर्चा होने दें और मैं सवाल का जवाब देने को तैयार हूं।”
– इतना सुनते ही बीएसपी के मेंबर के वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
– मंत्री ने मायावती से कहा, “मैं आपसे विनम्र निवेदन करती हूं। आप मुझसे जो जवाब चाहती हैं, उन सभी के जवाब दूंगी। मैं आपसे कहती हूं कि यदि आप मेरे जवाब से संतुष्ट न हों, आज इस सभा में कहती हूं, बसपा के एक-एक कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहती हूं। यदि आप मेरे जवाब से संतुष्ट न हों तो मैं सिर कलम करके आपके चरणों में रख दूंगी।”
– मायावती ने कहा- “मैं केवल सरकार से इतना ही चाहती हूं, जो न्यायिक जांच कमेटी के आदेश दिए गए हैं उनमें दलित को रखना है या नहीं रखना।”
– स्मृति ने रोकते हुए कहा- “उस कमेटी में दलित थे, लेकिन आप उसे नहीं मानते। आप यह कहना चाहती हैं कि जांच कमेटी बनी थी उसमें दलित नहीं था। उसमें दलित प्रोफेसर को शामिल किया गया था।”
– इससे पहले मायावती ने आरएसएस की विचारधारा थोपने के लिए इन्होंने हैदराबाद यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी जेएनयू जैसे उच्च संस्थानों को भी नहीं छोड़ा है। इसकी वजह से हैदराबाद में एक दलित स्टूडेंट रोहित वेमुला को सुसाइड के लिए मजबूर होना पड़ा।
– जब तक इससे जुड़े लोगों को पद से नहीं हटाया जाता है तब तक जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।
– इस पर स्मृति ने कहा, ”आपने एक मर चुके बच्चे का इस्तेमाल पॉलिटिकल टूल के तौर पर कर रही हैं।”
ज्योतिरादित्य-राहुल-कांग्रेस vs अनुराग ठाकुर
– लोकसभा में रोहित वेमुला केस पर कांग्रेस की ओर से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बयान दिया।
– उन्होंने कहा, ” रोहित ने अपने विचारों को सामने रखकर गलती कर दी। एक तरफ आप अंबेडकर साहब के विचारों का प्रचार करते हैं दूसरी तरफ दलितों पर अत्याचार करते हैं।”
– जेएनयू विवाद पर उन्होंने कहा कि हम देश के खिलाफ नारों की कड़ी आलोचना करते हैं, लेकिन आठ छात्रों के नारों के आधार पर 8000 छात्रों पर कलंक लगाना ठीक नहीं है।
– उन्होंने कहा, ” रोहित ने अपने विचारों को सामने रखकर गलती कर दी। एक तरफ आप अंबेडकर साहब के विचारों का प्रचार करते हैं दूसरी तरफ दलितों पर अत्याचार करते हैं।”
– जेएनयू विवाद पर उन्होंने कहा कि हम देश के खिलाफ नारों की कड़ी आलोचना करते हैं, लेकिन आठ छात्रों के नारों के आधार पर 8000 छात्रों पर कलंक लगाना ठीक नहीं है।
अनुराग ठाकुर ने क्या दिया जवाब?
– बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पंपोर में शहीद होने वाले कैप्टन के पास भी जेएनयू की डिग्री थी। कांग्रेस के नेता उनके घर क्यों नहीं गए।
– ”जिस यूनिवर्सिटी का नाम जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है उसी में उनके परिवार के एक सदस्य जाता है और देशविरोधी ताकतों के साथ खड़ा होता है।”
– ” ये फ्रीडम ऑप स्पीच की बात करते हैं। इमरजेंसी में क्या हुआ था। ये लोग फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात करते हैं तो दुख होता है। आज ब्लैक आउट करने वाले इमरजेंसी के वक्त शायद कुछ नहीं देखा।”
– ”कांग्रेस का स्लोगन है- पहले फैमिली, दूसरे नंबर पर पार्टी, अंतिम में देश।”
– ”कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने कहा था कि दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर के बाद सोनिया जी खूब रोईं थीं। ये मैं नहीं उनके मंत्री ही कह चुके हैं। लेकिन उस दौरान शहीद होने वाले पुलिस वाले के घर नहीं गए। आज उन्हें तय करना होगा कि वे अफजल के सपोर्ट में हैं, देशभक्तों के साथ हो।”
– राहुल जी बाहर कहते थे कि उनको बोलने का मौका नहीं मिलता है पर सबको मिलेगा। पहले नेहरू जी स्पेशल स्टेटस देना चाहते थे, आप भी क्या आगे बढ़ाना चाहते हो। राहुल जी किस टुकड़े पर राज करोगे। हम भारत के टुकड़े नहीं होने देंगे।
– ”जिस यूनिवर्सिटी का नाम जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है उसी में उनके परिवार के एक सदस्य जाता है और देशविरोधी ताकतों के साथ खड़ा होता है।”
– ” ये फ्रीडम ऑप स्पीच की बात करते हैं। इमरजेंसी में क्या हुआ था। ये लोग फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात करते हैं तो दुख होता है। आज ब्लैक आउट करने वाले इमरजेंसी के वक्त शायद कुछ नहीं देखा।”
– ”कांग्रेस का स्लोगन है- पहले फैमिली, दूसरे नंबर पर पार्टी, अंतिम में देश।”
– ”कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने कहा था कि दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर के बाद सोनिया जी खूब रोईं थीं। ये मैं नहीं उनके मंत्री ही कह चुके हैं। लेकिन उस दौरान शहीद होने वाले पुलिस वाले के घर नहीं गए। आज उन्हें तय करना होगा कि वे अफजल के सपोर्ट में हैं, देशभक्तों के साथ हो।”
– राहुल जी बाहर कहते थे कि उनको बोलने का मौका नहीं मिलता है पर सबको मिलेगा। पहले नेहरू जी स्पेशल स्टेटस देना चाहते थे, आप भी क्या आगे बढ़ाना चाहते हो। राहुल जी किस टुकड़े पर राज करोगे। हम भारत के टुकड़े नहीं होने देंगे।