www.puriduniya.com लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में राजनाथ सिंह की सीएम दावेदारी मजबूत होते ही भाजपा में उनके विरोधियों में हलचल मच गई है। इसी के साथ उनके दूसरे दलों के बड़े नेताओं के साथ संबंधों को उछालकर विरोध शुरू कर दिया गया है। विरोध करने की शुरुआत आजमगढ़ से भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने की है। भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने आजमगढ़ स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को लेकर शुक्रवार को कई कथित खुलासे किए।
पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह मोदी की जगह खुद मन में प्रधानमंत्री बनने का सपना संजोए थे। इसके लिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव की मदद लेने की भी सोच रखी थी।
रमाकांत यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को पार्टी से निकलवाने और यूपी में भाजपा की बदहाली के लिए राजनाथ सिंह ही जिम्मेदार रहे। उन्होंने दावा किया कि मऊ में राजनाथ सिंह के बयान से यादव और कुर्मियों की नाराजगी से पार्टी को 2017 में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
रमाकांत यादव ने कहा कि राजनाथ ने यूपी में मुख्यमंत्री रहते हुए पिछड़ों को बांटने का प्रयास किया। यही वजह रही कि वर्ष 1991 में पिछड़े वर्ग के नेता कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। 1993 में भाजपा ने 177 व 1997 में 176 सीटें जीती लेकिन वर्ष 2002 जब पार्टी राजनाथ सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ी तो 86 तथा वर्ष 2007 में 55 व 2002 में 45 सीटों पर सिमट गयी।
चूंकि राजनाथ सिंह की साजिश से कल्याण सिंह पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए, इस नाते पिछड़े वर्ग ने भी पार्टी से दूरी बना ली।