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मुख्तार का पोस्टमार्टम : दरवाजे पर टिकी थीं अंसारी फैमिली की नजरें और बेचैन थे डॉक्टर ,ऐसा था कमरे का मंजर

जिस माफिया के आगे कभी कोई खड़ा नहीं हो सकता था, वह हमारे सामने मृत पड़ा था। बाहर खड़े मुख्तार के परिजनों की आंखें भी हमारे कमरे के दरवाजे पर टिकी हुईं थी। उस पर आलाधिकारियों की मौजूदगी। यह सबकुछ किसी के भी पसीने छुड़ाने के लिए बहुत था।

हम सभी थोड़ा बेचैन और थोड़ा परेशान थे, मगर आत्मविश्वास इसलिए था कि इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए उनका चयन किया गया था। यह कहना था माफिया के शव के पोस्टमार्टम के लिए बनाए गए पैनल में शामिल एक डॉक्टर का। बताया कि पूरी टीम ने मौत का कारण जानने के लिए शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों में बारीकी से निरीक्षण किया। बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी के शव के पोस्टमार्टम में एसजीपीजीआई लखनऊ के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सत्येंद्र कुमार, रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर मुकेश बंसल, जिला अस्पताल के ईएनटी सर्जन डॉ. महेश गुप्ता, आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विकास दीप व फिजिशियन डॉ. एसडी त्रिपाठी को शामिल किया गया था।
मेडिकल सूत्रों के मुताबिक इन सभी डॉक्टरों को प्रशासन ने बुलाकर पोस्टमार्टम हाउस में बैठाया था। ऐन वक्त पर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए तैयार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक मौत का कारण खोजने के लिए शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों मस्तिष्क, ह्दय, लीवर, गुर्दा, फेफड़े, आंत की बारीकी से जांच की गई थी।
सूत्रों की मानें तो जांच के दौरान वीडियोग्राफी भी की गई। एक-एक अंग को कई प्रकार से जांचा गया था। तब जाकर मौत का कारण हार्ट अटैक पता चल सका। पेट से निकली खाने की सामग्री से बिसरा एकत्र किया गया।