नई दिल्ली। संसद के सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष केंद्र सरकार पर जमकर बरसेगा। विपक्षी दल गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करने, एनएसजी सदस्यता में नाकामी, महंगाई, पाकिस्तान के साथ रिश्तों और कश्मीर में अशांति को लेकर सरकार को घेरेंगे।
सर्वदलीय बैठक
संसद सत्र से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शिरकत की। दो घंटे तक चली बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि संसद महापंचायत है, जहां सभी मुद्दे उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी समेत हमारा विधायी कामकाज प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम हर दल को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। देर शाम लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सर्वदलीय बैठक की। इसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा हुई।
जीएसटी के पास होने की उम्मीद
सरकार को उम्मीद है कि संसद के इस सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल पास हो जाएगा। सर्वदलीय बैठक में सरकार ने कांग्रेस समेत विपक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा की। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर नरमी के संकेत दिए हैं। अन्य विपक्षी दल पहले से ही इस बिल के समर्थन में हैं। हाल ही में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से मुलाकात कर इस पर समर्थन की अपील की थी।
ये मुद्दे छाये रहेंगे
असम में हार के बाद अलग-थलग दिख रही कांग्रेस के हौसले अरुणाचल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुलंद हैं। पार्टी विपक्ष शासित सरकारों को अस्थिर करने, समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की राय मांगने, विदेश नीति, कश्मीर में अशांति, महंगाई जैसे मुद्दों पर अन्य विपक्षी दलों के साथ केंद्र को घेरेगी।
कश्मीर पर एकजुटता का शुक्रिया
प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कश्मीर के घटनाक्रम पर एक सुर में बोलने के लिए सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इससे सही संदेश गया और देश को लाभ हुआ है। पीएम ने कहा कि हम लोगों और दलों दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। सब चीजों पर राष्ट्रहित को ऊपर रखने की जरूरत है।
18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र
20 बैठकें होंगी 26 दिन की अवधि के दौरान
56 विधेयक लंबित, इसमें 11 लोकसभा और 45 राज्यसभा में
लंबित अहम विधेयक
उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2015
बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) संशोधन विधेयक 2015
व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन संशोधन विधेयक 2015
सरकार मेडिकल की एकल प्रवेश परीक्षा (नीट) के अध्यादेश की जगह विधेयक पारित कराएगी।
जीएसटी पर सरकार को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का रचनात्मक सहयोग मिलेगा और सुधार की प्रक्रिया को सबकी मदद से आगे बढ़ाया जाएगा।
– मुख्तार अब्बास नकवी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री
कांग्रेस उस किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी जो देश, जनता और विकास के हित में है। हम लोग योग्यता के आधार पर बिल को पारित होने देंगे। हम लोग विधेयकों को पारित होने देने में बाधक नहीं बनते।
– गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता
जीएसटी के मुद्दे पर सरकार और कांग्रेस मैच फिक्सिंग कर रही है। सरकार को संसदीय भावना का पालन करते हुए जीएसटी पर सभी दलों की बैठक बुलानी चाहिए।
– सीताराम येचुरी, माकपा नेता