वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि लंबे समय से अटका GST बिल इस साल पारित हो जाएगा जब कि विवादों में रहे भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के प्रस्ताव के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र के स्तर पर इसके प्रयास ‘अब समाप्त हो चुके है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उन आलोचकों को भी आड़े हाथ लिया जो उन पर ‘बड़े सुधार उपायों’ को आगे बढ़ाने में विफल रहने का आरोप लगाते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मई, 2014 में सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार से सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा में सबसे अधिक काम किया है। उन्होंने कहा कि जो बदलाव किए गए हैं उनमें से कई को पूर्व की सरकार के लिए कर पाना मुश्किल था, पर अब उन्हें कर दिया गया है तो उनके आलोचक कहते है इनमें ‘क्या बड़ी बात’ है।
अपनी अमेरिका यात्रा से पहले अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा, ‘वास्तव में मैंने सबसे अधिक सुधारों को आगे बढ़ाया है।’ मोदी राष्ट्रपति बराक ओबामा के निमंत्रण पर अगले महीने वॉशिंगटन जा रहे हैं। GST बिल पर एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह कानून इस साल पारित हो जाएगा।
GST विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन कांग्रेस के जोरदार विरोध की वजह से यह राज्यसभा में अटका हुआ है। कांग्रेस राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। सरकार लगातार यह कहती आ रही है कि कांग्रेस को छोड़कर ज्यादातर दल GST विधेयक के पक्ष में हैं। इसके क्रियान्वयन से देश में एक समान अप्रत्यक्ष कराधान व्यवस्था लागू होगी।
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए केंद्र सरकार के स्तर पर प्रयास ‘अब समाप्त हो चुके हैं’ तथा अब राज्यों के अपने स्तर पर इनमें बदलाव करने हैं। अखबार के अनुसार मोदी ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश के कठोर श्रम कानूनों को और उदार बनाएं। मोदी ने कहा कि ‘श्रम कानून में सुधार का मतलब केवल उद्योगों का हित देखना नहीं है… श्रम सुधारों श्रमिकों के पक्ष में भी होने चाहिए।’
प्रधानमंत्री मोदी नेे कहा, ‘जब मैं सरकार में आया तो मैं विशेषज्ञों के साथ बैठा और उनसे बड़े सुधार यानी बिग बैंग को परिभाषित करने को कहा लेकिन कोई मुझे इसके बारे में नहीं बता पाया।’ लेकिन इसके साथ ही मोदी ने जोड़ा, ‘अभी काफी कुछ करने की जरूरत है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरे सामने अभी काफी बड़ा काम पड़ा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने और अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोला, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बदलाव किए, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में कमी को पाटा और कारोबार करने की स्थिति को सुगम किया। मोदी ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के महत्व को भी रेखांकित किया।
मोदी ने कहा, ‘किसी भी विकासशील देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आप अचानक से सरकारी क्षेत्र को समाप्त नहीं कर सकते, न ही आपको ऐसा करना चाहिए।’ प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को न केवल आयात को कम करना चाहिए बल्कि रोजगार का भी सृजन करना चाहिए।