नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सांडों को काबू में करने के खेल जल्लीकट्टू को केंद्र की ओर से दी गई मंजूरी पर अंतरिम रूप से रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार समेत कुछ अन्य राज्यों को नोटिस भी जारी किया है। इन राज्यों में जल्लीकट्टू का खेल खेला जाता है।
पिछले दिनों सरकार ने पोंगल त्योहार से ठीक पहले जल्लीकट्टू पर बैन हटाते हुए अधिसूचना जारी की थी जिसे ऐनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पेटा इंडिया और बेंगलुरु के एक NGO ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच के सामने अर्जेंट सुनवाई के लिए पेश की गई थी।
FLASH: Supreme Court stays Central Govt’s notification on #jallikattu
— ANI (@ANI_news) January 12, 2016
पशु अधिकार समूहों की आपत्तियों के बावजूद देश के दूसरे हिस्सों में जल्लीकट्टू और बैल गाड़ियों की दौड़ को मंजूरी दी गई है। जल्लीकट्टू तमिलनाडु में पोंगल के त्यौहार के हिस्से के तौर पर मट्टू पोंगल के दिन आयोजित किया जाता है। भले ही केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी देने के साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई थीं। शर्तों के अनुसार बैल गाड़ी की दौड़ी एक नियमित ट्रैक पर आयोजित करनी होगी, जो दो किलोमीटर से लम्बा नहीं होगा।
UPDATE: SC also issues notice to Centre,Tamil Nadu and other states where #jallikattu is played
— ANI (@ANI_news) January 12, 2016
जल्लीकट्टू के मामले में सांड के घेराव से बाहर जाते ही उसे 15 मीटर की अर्धव्यास दूरी के भीतर काबू करना होगा और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से सांडों की उचित जांच कराई जाए ताकि यह सुनिश्चित हो कि ये जानवर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अच्छी शारीरिक दशा में हैं।