
अहमदाबाद। कुछ चेहरे और कुछ तस्वीरों की कभी मौत नहीं होती और यही वजह है कि उन्हें इस बात से नफरत हो जाती है। गुजरात दंगों की पीड़ा का चेहरा बनने के 14 साल बाद कुतुबुद्दीन अंसारी ने महसूस किया है कि उन्हें कांग्रेस ने असम और पश्चिम बंगाल के चुनावों में ‘इस्तेमाल’ किया है।
अंसारी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि हर बार यह होता है, और जिंदगी मेरे लिए और मुश्किल हो जाती है। कल सब मुझसे मेरे उद्देश्य के बारे में पूछेंगे। लेकिन सच यही है कि मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता हूं।
असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में, कुतुबुद्दीन अंसारी की तस्वीर एक रणनीतिक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल हो रही है। अंसारी की तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है, क्या मोदी के गुजरात का मतलब विकास है? क्या आप असम को अगला गुजरात बनने देंगे? फैसला आपका है। विकल्प सिर्फ कांग्रेस ही है।
‘मुझपर पैसे लेने का आरोप लगा’
बीजेपी का नाम लिए बिना, अंसारी ने कहा कि उनपर अपनी तस्वीर के इस्तेमाल की इजाजत देने के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया गया। राजनीतिक दलों से जुड़े लोग ऐसे आरोप लगाते हैं। हर बार कोई राजनीतिक दल मेरी तस्वीर का इस्तेमाल करता है, कोई दूसरा इससे नाराज हो जाता है।