नई दिल्ली। आधार बिल को लेकर बुधवार को संसद सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। राज्य सभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां के आधार बिल के खिलाफ वोट देने की सूरत में कड़े मुकाबले के लिए मोदी सरकार तैयार दिख रही है। सरकार ने NDA के लोकसभा सदस्यों को अलर्ट रहने के लिए कहा है ताकि बिल को निचले सदन से फिर से पास कराया जा सके।
चूंकि आधार बिल को धन विधेयक का दर्जा दिया गया है, इसलिए राज्य सभा के पास इसे रोकने का अधिकार नहीं है। और राज्य सभा द्वारा खारिज किए जाने की स्थिति में इसे पारित कराने के लिए लोकसभा में दोबारा से पेश किया जाएगा जहां यह पहले ही एक बार पास हो चुका है। BJP ने अपने सांसदों के साथ ही सहयोगी दलों के सांसदों को बुधवार देर शाम तक संसद में रहने के लिए कहा है ताकि बजट सत्र के पहले भाग के आखिरी दिन कामकाम ठीक से चलाया जा सके।
मनी बिल या धन विधेयक सबसे पहले लोकसभा में पेश किए जाते हैं। आधार बिल, 2016 को शुक्रवार को लोकसभा ने कांग्रेस, वामदलों, AIADMK और BJD सांसदों के विरोध के बावजूद पारित कर दिया था। लेकिन राज्य सभा में मोदी सरकार के पास पर्याप्त बहुमत के अभाव को देखते हुए इसके पास होने की संभावना कम दिख रही है।
विपक्ष अनुच्छेद 109 के प्रावधानों का सहारा ले सकता है और इसके तहत राज्य सभा किसी धन विधेयक में बदलावों का सुझाव देकर फिर से लोकसभा के पास विचार के लिए भेज सकता है।
एक सीनियर सरकारी सूत्र ने बताया, ‘अगर कांग्रेस और दूसरी पार्टियों ने आधार बिल को खारिज किया तो हम लोकसभा में वास्तविक बिल फिर से पेश करेंगे ताकि इस कानून को संसद की मंजूरी मिल सके।’