इस्लामाबाद। लश्कर-ए-तैयबा के जिंदा पकड़े गए आतंकवादी बहादुर अली के कबूलनामे से जहां भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को घेरने की योजना बना रहा है वहीं पाकिस्तान ने इस बारे में भारत के सारे दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। साथ ही पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का हवाला देते हुए उल्टा भारत पर आतंक फैलाने का दोष लगा दिया है। पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह किसी को भी अपनी सरजमीं का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं करने देगा।
पाकिस्तान ने किया इनकार
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया से जब बहादुर अली की गिरफ्तारी के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘आपका सवाल एक कथित पाकिस्तानी से जुड़ा हुआ है, जिसके बारे में भारत कहता है कि वह पाकिस्तानी है और वह किसी तरह की गतिविधि में शामिल था। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर हमारा बयान काफी स्पष्ट था। हम पहले ही इस बारे में एक बयान जारी कर चुके हैं जिसमें हम लाइन ऑफ कंट्रोल से घुसपैठ के आरोपों का खंडन कर चुके हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इस बारे में हमारी एक स्पष्ट नीति है और वह यह है कि हम अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी आतंकवादी गतिविधि के लिए नहीं होने देंगे।’
भारत को घेरने की कोशिश
जकारिया ने इस दौरान यह भी कहा कि पाकिस्तानी जमीं पर आतंकवादी गतिविधियों में भारत का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान से अरेस्ट किए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के बयान से इस बात की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा, जैसा कि आपको पता होगा कि भारतीय खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान, खासकर बलूचिस्तान और कराची में आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए भारतीय कुलभूषण जाधव के बयान से पाकिस्तान के इन दावों की पुष्टि होती है।
यह है कुलभूषण जाधव का सच
बता दें कि बलूचिस्तान में अरेस्ट हुए कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान भले ही जासूस बता रहा है लेकिन वह नेवी से रिटायरमेंट के बाद बिजनसमैन बन गए थे। उनके परिवार के मुताबिक, कुलभूषण अक्सर दुनिया भर की यात्रा पर जाते थे। सूत्रों का कहना है कि वह एक छोटे जहाज के मालिक भी हैं। वह अक्सर पाकिस्तानी सीमा से लगे ईरानी बंदरगाहों तक माल लाते और ले जाते थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया जैसा कि पाकिस्तान दावा कर रहा है।