लखनऊ हिंदू संगठन लगातार अयोध्या के साथ काशी विश्वनाथ और मथुरा के पुनरुद्धार की आवाज उठाते रहे हैं। राम मंदिर का पुनरुद्धार हिंदू संगठनों की अपेक्षाओं की अनुरूप हो रहा है। काशी विश्वनाथ और मथुरा की कानूनी लड़ाई तेज है।
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद अब मथुरा सियासत का नया केंद्र होगी। राजस्थान विधानसभा चुनाव का प्रचार समाप्त होने के तुरंत बाद पीएम मोदी ब्रज भूमि पहुंचे। मीराबाई जन्मोत्सव समारोह में मोदी ने जिस तरह अपने पंच प्रण का उल्लेख कर प्रतिबद्धता जताई और श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शन किए, उसे लोकसभा चुनाव की तैयारी के आगाज के रूप में देखा जा रहा है।
पीएम मोदी श्रीकृष्ण जन्मभूमि जाने वाले पहले प्रधानमंत्री
हिंदू संगठन लगातार अयोध्या के साथ काशी विश्वनाथ और मथुरा के पुनरुद्धार की आवाज उठाते रहे हैं। राम मंदिर का पुनरुद्धार हिंदू संगठनों की अपेक्षाओं की अनुरूप हो रहा है। काशी विश्वनाथ और मथुरा की कानूनी लड़ाई तेज है। यह बात आम लोगों को बताई जा रही है कि यदि भाजपा सत्ता में न होती तो इन धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार संभव नहीं था। मोदी का श्रीकृष्ण जन्मस्थान का दर्शन करने जाना, अयोध्या और काशी की तरह मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान को लेकर उनकी प्रतिबद्धता का संकेत देना है। मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो श्रीकृष्ण जन्मभूमि गए हैं। राजनीतिक विश्लेषक जेपी शुक्ला का मानना है कि प्रधानमंत्री ने बहुसंख्यक समाज को साफ संदेश दिया कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुद्दे पर वह पीछे नहीं हटेंगे। लोग कुछ भी करें, इससे भाजपा को सियासी लाभ तो होगा ही।
हिन्दुत्व को धार देने का मुद्दा
राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल का मानना है कि प्रधानमंत्री ने पंचप्रण में काशी विश्वनाथ धाम, केदारनाथ धाम, महालोक धाम और अयोध्या में राम मंदिर के बाद मथुरा के विकास की बात कर हिन्दुत्व को धार देने का काम किया है। मोदी ने संदेश दिया कि राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों को उन्हीं ने पूरा किया है, जो बचे हैं उन्हें भी भगवान के आशीर्वाद और जनता के समर्थन से पूरा करेंगे।जय श्रीराम के बाद जय श्रीकृष्ण