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Shab-E-Barat: खुदा की इबादत में गुजरेगी पूरी रात, जानिए शब.ए.बारात को लेकर क्या है मान्यताएं

इबादत व मगफिरत की रात शब-ए-बारात शुक्रवार को है। मुस्लिम धर्मावलंबी पूरी रात इबादत में मशगूल रहेंगे और दूसरे दिन अर्थात शनिवार को रोजा रखेंगे। इबादत और मगफिरत का त्योहार शब-ए-बारात का उत्साह इस बार काफी देखा जा रहा है। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण बंदिशें लगी हुई थी। वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण का खतरा बहुत कम है और बाजार से लेकर दूसरी सारी चीजें खुली हुई है। लाकडाउन की समस्या नहीं है।

इबादत व मगफिरत का यह पर्व शब-ए-बारात इस्लामी कैलेंडर के शाबान महीना के 15 तारीख को मनाया जाता है। शब-ए-बारात पर्व को लेकर प्राय: मस्जिदों में विशेष तैयारी की गई है। मस्जिदों में इबादत के लिए आने वाले धर्मावलंबियों के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की जाती है। मस्जिदों एवं कब्रिस्तानों में लाइट की वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। चूंकि शाम ढलते ही मस्जिदों में इबादत करने वाले लोगों की भीड़ जुटने लगती है। शाम से लेकर सुबह के फजर की नमाज तक लोगों की भीड़ जुटी रहती है। इस क्रम में लोग कब्रिस्तान भी जाते हैं और फातिहा पढ़ते हैं। पर्व को लेकर बच्चों में खुशी का वातावरण है। बच्चे उत्साहित हैं। शब-ए-बरात के ठीक पंद्रह दिनों के बाद रमजान शुरू हो जाएगा। शाबान और रमजान का महीना मुसलमानों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह है कि शब-ए-बारात पर्व का काफी महत्व दिया जाता है।

पिछले दो सालों से कोरोना के कारण शब-ए-बारात का पर्व कहीं ना कहीं फीका सा दिख रहा था, लेकिन इस बार कोरोना की कमी और नियमों में दी गई छूट के कारण बड़े स्तर पर शब-ए-बारात मनाया जा रहा है। जिससे लोगों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है। राज्यभर में लोग इस पाक पर्व को लेकर खासे उत्साहित हैं। और इसका तैयारियां भी जोर-शोर से हो रही है।