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राजोरी मुठभेड़ सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता: पाकिस्तानी आतंकवादी कॉरी समेत समेत दो ढेर

राजोरी राजोरी में मुठभेड़ गुरुवार दूसरे दिन भी चल रही है। बुधवार सुबह 10 बजे शुरु हुई मुठभेड़ रात सात बजे तक जारी रही। अंधेरा होने के कारण नौ घंटे बाद गोलीबारी बंद कर दी गई लेकिन सुरक्षाबलों ने दोनों दहशतगर्दों को घेरा डाले रखा।

जम्मू संभाग के जिला राजोरी के बाजीमाल में गुरुवार दूसरे दिन भी मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां दो आतंकियों को मार गिराया गया है। उनके पास से हथियार और गोला बारूद भी बरामद किया गया है। अभी तलाशी अभियान जारी है।

पीआरओ डिफेंस ने बताया कि  गोलीबारी के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादी कॉरी मारा गया है। उसे पाक और अफगान मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया है। कॉरी लश्कर-ए-तैयबा का उच्च रैंक आतंकवादी कमांडर था। वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजोरी और पुंछ में सक्रिय था। उसे ढांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। इन आतंकियों को इन क्षेत्रों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था। वह आईईडी लगाने, गुफाओं से छिपकर हमला करने और प्रशिक्षित स्नाइपर था। इस साल एक जनवरी को राजोरी के ढांगरी में दोहरे आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इमसें पांच लोग गोलीबारी में और दो लोग आईईडी ब्लास्ट में मारे गए थे।

जिला राजोरी के धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में सेना व जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ गुरुवार सुबह एक बार फिर शुरू हुई। बुधवार सुबह 10 बजे शुरु हुई मुठभेड़ रात सात बजे तक जारी रही। अंधेरा होने के कारण नौ घंटे बाद गोलीबारी बंद कर दी गई लेकिन सुरक्षाबलों ने दोनों दहशतगर्दों को घेरा डाले रखा।

बलिदान अधिकारियों की पहचान कर्नाटक के कैप्टन एमवी प्रांजल, 63 आरआर/ सिग्नल, आगरा के कैप्टन शुभम, 9-पैरा और जम्मू के पुंछ के हवलदार माजिद, 9-पैरा के रूप में हुई है। एक बलिदानी की पहचान अभी नहीं बताई गई है। 9 पैरा के मेजर मेहरा के हाथ और छाती में चोट आई है। उन्हें उधमपुर के कमांड अस्पताल में एयरलिफ्ट कर पहुंचाया गया है। यहां उनकी हालत स्थिर है। एक घायल जवान का इलाज राजोरी में 50 जनरल अस्पताल में चल रहा है।

जानकारी के अनुसार, रविवार देर शाम इलाके में दो आतंकियों के मौजूद होने की सूचना के बाद से सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान चार दिन से तलाशी अभियान चला रहे थे। रविवार शाम को सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि ब्रेवी क्षेत्र में किसी घर में दो बंदूकधारी संदिग्ध लोग घुसे हैं और खाना खाने बाद फरार हो गए। इसके बाद बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। ऑपरेशन में खोजी कुत्तों के अलावा ड्रोन से भी तलाशी ली जा रही थी।

सीआरपीएफ ने अपने कोबरा कमांडो भी आतंकियों की तलाश में उतारे थे। बुधवार सुबह सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में घुसे आतंकियों को ढूंढ निकाला और इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई जो रात 7 बजे जाकर थमी। सैन्य सूत्रों ने बताया कि घिरे हुए दोनों आतंकवादियों को ढेर करने के लिए अतिरिक्त सैन्य बल बुलाए गए हैं। घेरे को और मजबूत बनाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त सैनिकों को शामिल करके ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। दोनों आतंकवादी विदेशी नागरिक प्रतीत होते हैं और रविवार से इलाके में घूम रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक पूजा स्थल में शरण ले रखी थी।