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हार के बाद भी अखिलेश यादव ने पार्टी को उसके इतिहास का सबसे बड़ा जनाधार दिलाया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार के नतीजों ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। योगी आदित्यनाथ मैं सत्ता में दोबारा वापसी कर एक नया इतिहास रच दिया है। वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी भले बहुमत नहीं मिला हो , लेकिन मतों के हिसाब से उसने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।

2017 के मुकाबले इस चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर में भी इजाफा हुआ है। वहीं समाजवादी पार्टी के वोट शेयर में भी 10 प्रतिशत का उछाल आया है, जबकि कांग्रेस और बसपा को इस मामले में नुकसान हुआ है। बीजेपी को 2017 में 39.7 प्रतिशत वोट मिला था, जबकि इस बार पार्टी को 41.6 प्रतिशत वोट मिले हैं।

सपा की बात की जाए तो उसे 2017 में 21.8 प्रतिशत वोट मिले थे और इस बार उसका वोट शेयर 10 प्रतिशत बढ़ा। उसे इस चुनाव में 32 प्रतिशत वोट मिले हैं। सपा भले ही बहुमत से दूर रह गई हो, लेकिन अखिलेश यादव ने पार्टी को उसके इतिहास का सबसे बड़ा जनाधार दिलाया है। सपा को इससे पहले के विधानसभा चुनावों में कभी इतने वोट नहीं मिले थे। यादव और मुस्लिमों की पार्टी कहीं जाने वाली सपा को इस बार दूसरी जातियों और समुदायों के भी वोट मिले।

बात अगर बसपा के वोट शेयर की जाए तो उसके वोट शेयर में बहुत बड़ी गिरावट देखी गई है। बसपा का वोट शेयर 22.2 प्रतिशत से घटकर 12.7 प्रतिशत पर आ गया। उसे राष्ट्रीय लोक दल से भी 3 प्रतिशत कम वोट मिले। सीटों के लिहाज से देखें तो बीजेपी गठबंधन को 273 सीटों पर जीत मिली है तो वहीं सपा गठबंधन भी 125 सीटें जीतने में कामयाब रहा । कांग्रेस को 2 सीटें मिली तो बसपा में है एक सीट पर सिमट गई। अन्य के खाते में 2 सीटें गई हैं।