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स्वर्गीय राजेश साहनी की पत्नी होंगी ओएसडी, बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार

लखनऊ । तेज तर्रार पीपीएस अधिकारी स्वर्गीय राजेश साहनी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एटीएस के दिवंगत एएसपी राजेश साहनी के परिवार पर ध्यान दिया है। एटीएस में राजेश साहनी की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घोषणा की है कि उनकी बेटी की पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि उनकी पत्नी सरकारी सेवा में आना चाहती हैं तो उन्हें पुलिस महकमें में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) का पद दिया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए उनके कि परिवार के लिए सरकारी आवास की सुविधा बनी रहेगी। पीपीएस एसोसिएशन ने साहनी के परिवार को सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मांग की थी।

एटीएस के एएसपी राजेश साहनी की मौत मामले की जांच सीबीआई ने अभी शुरू नहीं की है। राजेश साहनी की पिछले दिनों एटीएस दफ्तर में मौत हो गई थी। पता चला कि उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है, लेकिन इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

उधर पीपीएस एसोसिएशन ने प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह से साहनी की परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की थी। एसोसिएशन ने राजेश साहनी के पीडि़त परिवार का खर्च भी वहन करने और परिवार को आजीवन आवास की सुविधा बरकरार रखने की मांग की। इसके अलावा परिवार को असाधारण पेंशन के साथ एक करोड़ की आर्थिक मदद की भी मांग की गई। सरकार ने अभी पेंशन और आर्थिक मदद पर तो निर्णय नहीं लिया है, लेकिन बाकी मांगें मान ली हैं।

राजेश साहनी 1992 में पीपीएस सेवा में आए थे। 2013 में वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोट हुए थे। इस दौरान एटीएस में रहते हुए राजेश साहनी ने कई ऑपरेशन को सफलता से अंजाम दिया। कई आतंकियों को गिरफ्तार करने में सफल भूमिका निभाई। एटीएस की टीम को राजेश साहनी के नेतृत्व में बड़ी सफलता उत्तराखंड में हाथ लगी थी। एटीएस टीम ने यहां मिलिट्री इंटेलिजेंस और उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर संदिग्ध आईएसआई एजेंट रमेश सिंह को गिरफ्तार किया था।

सरकार के प्रवक्ता ने कल बताया कि मुख्यमंत्री ने इस संबंध में गृह विभाग को कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि गत दिनों एटीएस मुख्यालय में एएसपी राजेश साहनी की गोली लगने से मौत हो गई थी।