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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि तटरक्षक बल में महिलाओं को स्थायी कमीशन देना सुनिश्चित करे अन्यथा शीर्ष कोर्ट इस बारे में आदेश पारित करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि तटरक्षक बल में महिलाओं को स्थायी कमीशन देना सुनिश्चित करे अन्यथा शीर्ष कोर्ट इस बारे में आदेश पारित करेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को यह टिप्पणी तब की, जब अटॉर्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमनी ने दलील दी कि शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने में कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हैं। चीफ जस्टिस ने कहा, व्यावहारिक दिक्कतों के ये सारे तर्क 2024 में नहीं चल सकते। महिलाओं को अलग नहीं छोड़ा जा सकता। यदि आप नहीं करेंगे तो हम करेंगे। इसलिए इस पर विचार करें।

पीठ ने केंद्र से इस बारे में लिंग निरपेक्ष नीति लाने को कहा। एजी ने पीठ को जानकारी दी कि तटरक्षक बल ने इस मामले पर विचार करने के लिए बोर्ड का गठन किया है। पीठ ने कहा, बोर्ड में महिलाओं को जरूर होना चाहिए। पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख एक मार्च तय कर दी, क्योंकि सोमवार को सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। शीर्ष कोर्ट भारतीय तटरक्षक बल की अधिकारी प्रियंका त्यागों की याचिका पर सुनवाई कर रही है। त्यागी ने बल में शॉर्ट सर्विस कमीशन से आने वाली पात्र महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मांग की है।