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सीट बंटवारे में तेजी लानी होगी, साथ ही साथ इंडिया गठबंधन को मजबूत दिशा में आगे बढ़ना होगा: नीतिश कुमार

इंडिया गठबंधन के नेताओं की आज बैठक वर्चुअल रूप से हुई। बैठक में संयोजक पद को लेकर में चर्चा हुई है। सूत्र दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस की ओर से नीतीश कुमार को संयोजक बनने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि, नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि उनकी दिलचस्पी किसी पद में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस से ही किसी को संयोजक बनना चाहिए। आगामी रणनीति के लिए इंडिया गठबंधन के दलों की आज मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में 10 से 12 दलों के प्रमुख शामिल हुए। इसी कड़ी में कांग्रेस की ओर से नीतीश कुमार के समक्ष संयोजक बनने का प्रस्ताव रखा गया।

जदयू की ओर से दावा किया गया है कि इस पर पार्टी के भीतर चर्चा की जाएगी। जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने यह भी कहा है कि सीट पटवारी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा है कि सीट बंटवारे में तेजी लानी होगी। साथ ही साथ इंडिया गठबंधन को मजबूत दिशा में आगे बढ़ना होगा। सूत्रों ने बताया कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सुबह करीब 11.30 बजे जूम पर बुलाई जाने वाली बैठक में शामिल नहीं हुईं, क्योंकि वह पूर्व व्यस्तताओं में व्यस्त थीं। पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर ममता का कांग्रेस के साथ टकराव चल रहा है क्योंकि हाल के दिनों में टीएमसी और कांग्रेस नेताओं के बीच इस मामले पर तीखी नोकझोंक हुई है।

ममता बनर्जी की टीएमसी ने कहा है कि बैठक की जानकारी बहुत कम समय में दी गई थी और हो सकता है कि वह इसमें शामिल न हों। बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, शरद पवार, उमर अब्दुल्ला, लालू यादव और तेजस्वी यादव और बिहार के सीएम नीतीश कुमार मौजूद रहे। I.N.D.I.A ब्लॉक के विस्तार पर भी चर्चा होने की उम्मीद थी, क्योंकि प्रकाश अंबेडकर की VBA जैसी कुछ पार्टियों ने गठबंधन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है।

सूत्रों ने आगे बताया कि बैठक में विपक्षी गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने पर भी चर्चा होगी। गौरतलब है कि संयोजक के तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम आगे बढ़ाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जेडीयू चाहती है कि नीतीश को संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी जाए क्योंकि उन्होंने ही पिछले साल विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन इस विचार का टीएमसी विरोध कर रही है।