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समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक को लेकर मचे बवाल के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षा को निरस्त कर दिया

समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी 2023 की प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक को लेकर मचे बवाल के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षा को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही इस परीक्षा को 6 माह के अंदर फिर से कराने के लिए निर्देश दिया गया है। वहीं, अब इस मामले को लोक सेवा आयोग परीक्षा नियंत्रक को पद से हटा दिया है और कई अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

आपको बता दें कि आयोग ने प्रयागराज के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। यह एफआईआर उत्‍तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से कराई गई है, हालांकि इसमें किसी का नाम नहीं दिया गया। यह एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है।

क्‍या है FIR में?
आयोग के द्वारा दर्ज कराए गए FIR में लिखा गया है कि 11 फरवरी को परीक्षा शुरू होने से पहले दो सीरीज के कुछ सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 व उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 की धारा 3/9, 4 और 10 के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।

अभ्‍यर्थियों ने किया था धरना प्रदर्शन
उत्‍तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन और आंदोलन किया था जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 2 मार्च को भर्ती परीक्षा रद्द कर दी थी ।

वहीं, सरकार ने अब इस मामले को एसटीएफ को सौंप दी है। साथ ही योगी सरकार ने 6 माह के अंदर दोबारा भर्ती परीक्षा कराए जाने के निर्देश दिए हैं। पेपर लीक मामले में शासन ने आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को भी हटा दिया है। उन्हें आयोग से हटाकर राजस्व परिषद में तैनाती दी गई है।