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वेंकटेश प्रसाद ने किया टीम इंडिया के बॉलिंग कोच के लिए आवेदन, मिलेगी कड़ी टक्कर

टीम इंडिया के लिए विभिन्न कोच पदों के लिए चयन प्रक्रिया चल रही है. इसमें मुख्य कोच के अलावा बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग तीनों ही कोच का भी चयन होना है. इसी बीच खबर है कि टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पद के लिए टीम के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने भी आवेदन दिया है. फिलहाल भरत अरुण टीम इंडिया के बॉलिंग कोच हैं. पहले भी टीम इंडिया के बॉलिंग कोच रह चुके प्रसाद को भरत अरुण से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है.

प्रसाद ने साल 2017 में मुख्य कोच के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन उस समय बाजी रवि शास्त्री के नाम रही. प्रसाद इस समय भारतीय जूनियर क्रिकेट टीम के चयनकर्ता प्रमुख हैं. प्रसाद पहले भी टीम इंडिया के बॉलिंग कोच रह चुके हैं. जब 2007 में एमएस धोनी की कप्तानी में जब टीम इंडिया ने आईसीसी विश्व कप जीता था तब प्रसाद ही उस टीम के बॉलिंग कोच थे. इसके अलावा प्रसाद के पास आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर बेंगलुरू और किंग्स इलेवन पंजाब की गेंदबाजी कोचिंग का अनुभव है.

प्रसाद का रिकॉर्ड
प्रसाद ने अपने करियर में 33 टेस्च और 162 वनडे मैच खेले हैं. 1990 के दशक में वे जगावल श्रीनाथ की अगुआई में टीम इंडिया के पेस अटैक के प्रमुख गेंदबाज रहे थे. 33 टेस्ट में उन्होंने 35 के औसत से 96 विकेट लिए थे. जबकि 161 वनडे में उन्होंने 32.30 के औसत और 4.67 की इकोनॉमी से कुल 196 विकेट लिए थे. प्रसाद के नाम 123 फर्स्ट क्लास मैचों में 361 विकेट जबकि 236 लिस्ट ए मैचों में 295 विकेट हैं.

भरत से मिलेगी कड़ी टक्कर
प्रसाद को सबसे तगड़ा कॉम्प्टीशन भरत अरुण से ही मिलने वाला है. भरत के 18-20 महीने के कार्यकाल में टीम इंडिया की गेंदबाजी को नई ऊंचाइयां मिली हैं. जसप्रीत बुमराह इस दौरान दुनिया के नंबर एक गेंदबाज बने हैं, वहीं मोहम्मत शमी ने भी शानदार वापसी की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना है कि भरत को ही बॉलिंग कोच सर्वसम्मति से चुन लिया जाएगा. भरत का तीनों प्रारूप में शानदार रिकॉर्ड है. उनकी किसी अन्य स्टाफ, कप्तान, कोच या खिलाड़ी से कोई विवाद की स्थिति नहीं हैं.

कपिल देव, अंशुमन गयाकवाड़ और शांता रंगास्वामी की क्रिकेट सलाहकार समिति को सभी कोचों का चुनाव करना है. यह समिति हाल ही में गठित की गई है. टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ के अलावा सपोर्ट स्टाफ का भी चयन होना है. फिलहाल सपोर्ट स्टाफ को 45 दिन का एक्सटेंशन मिला हुआ है.