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राहुल गांधी ने थाली में सजाकर पीएम मोदी को मुद्दा दिया, बैकफुट पर कांग्रेस

संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो गया है, इस सत्र में कई अहम विधेयक पास हुए तो वहीं तीन तलाक पर केंद्र सरकार का बिल अटक गया है, लोकसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत है लिहाजा वहां पर तीन तलाक बिल पास हो गया लेकिन राज्यसभा में सरकार की मजबूरी का फायदा उठाते हुए विपक्ष ने इस बिल को पास नहीं होने दिया। क्या ये कांग्रेस की फायदे की रणनीति कही जाएगी। ऐसा लग नहीं रहा है, इसका कारण ये है कि तीन तलाक और मुस्लिम सुधारों को लेकर कांग्रेस हमेशा से ही पसोपेश में रही है, शाहबानों प्रकरण लगातार कांग्रेस के पीछे साए की तरह लगा है। राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर खुल कर कुछ नहीं कह पाए,ये बीजेपी और खास तौर पर पीएम मोदी के लिए बेहद मुफीद मौका है।

दरअसल तीन तलाक को लटकाना कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर उतना फायदेमंद नहीं है जितना ये बीजेपी के लिए है. बीजेपी पिछले काफी समय से एक खास रणनीति पर काम कर रही है। पीएम मोदी ने तीन तलाक को एक सियासी मुद्दा बना दिया है, वो खुल कर विपक्षी दलं से कहते रहे हैं कि इस मुद्दे पर राय साफ करें, जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध करार दिया था तो कांग्रेस की तरफ से सधी हुई प्रतिक्रिया आई थी। मानो कांग्रेस कोर्ट के फैसले का समर्थन कर देगी तो उसका वोटबैंक नाराज हो जाएगा. यही डर कांग्रेस को फिर से लग रहा है जिसके कारण उस ने तीन तलाक पर बिल को पास नहीं होने दिया। यही संदेश बीजेपी अब जनता के सामने ले कर जा रही है,

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ये कहा जा रहा था कि अब कांग्रेस की नीतियां बदलेंगी, मगर ऐसा हुआ नहीं, राहुल के पास मौका था कि वो अपने पिता राजीव गांधी की गलती को सुधार सकते थे. राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो जाता तो कांग्रेस इसका श्रेय लेने की कोशिश कर सकती थी। लेकिन कांग्रेस को इस बात का डर था कि कहीं बीजेपी और पीएम मोदी इसका सारा सियासी फायदा ना उठा ले जाएं. ये कुछ गलतियां कांग्रेस को भारी पड़ने वाली हैं, अब बीजेपी ने तीन तलाक पर बिल के लटकने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताना शुरू कर दिया है, खास बात ये है कि जनता के बीच यही संदेश देने की रणनीति भी तय हो गई है।

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ये कहा जा रहा था कि अब कांग्रेस की नीतियां बदलेंगी, मगर ऐसा हुआ नहीं, राहुल के पास मौका था कि वो अपने पिता राजीव गांधी की गलती को सुधार सकते थे. राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो जाता तो कांग्रेस इसका श्रेय लेने की कोशिश कर सकती थी। लेकिन कांग्रेस को इस बात का डर था कि कहीं बीजेपी और पीएम मोदी इसका सारा सियासी फायदा ना उठा ले जाएं. ये कुछ गलतियां कांग्रेस को भारी पड़ने वाली हैं, अब बीजेपी ने तीन तलाक पर बिल के लटकने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताना शुरू कर दिया है, खास बात ये है कि जनता के बीच यही संदेश देने की रणनीति भी तय हो गई है।