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राष्ट्रपति चुनाव 2017: बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद होंगे एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव 2017 के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को अपनी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठतम नेताओं से मुलाकात के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की कि बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी होंगे.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
  1. हालांकि राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले इलेक्टोरल कॉलेज के आंकड़ों पर गौर करें, तो बीजेपी के नेतृत्व में केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास अपनी पसंद के प्रत्याशी को जिताने लायक बहुमत है, लेकिन एनडीए का कहना रहा है कि वे सर्वसम्मत प्रत्याशी को प्राथमिकता देंगे.
  2. अधिकतर विपक्षी दल कह चुके थे कि वे कोई भी निर्णय तभी ले सकते हैं, जब किसी नाम की घोषणा कर दी जाए. इन दलों में कांग्रेस, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी तथा ओडिशा में सत्तासीन बीजू जनता दल (बीजेडी) शामिल हैं.
  3. एनडीए के घटक शिवसेना ने इस मुद्दे पर विपक्ष का साथ दिया था, और कहा था कि वे ऐसे किसी प्रत्याशी का समर्थन नहीं कर सकती, जिसके बारे में वह जानती तक नहीं.
  4. इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी, क्योंकि वह दलित नेता हैं, तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए स्वयं फोन कर अनुरोध किया था. इनसे पहले जो पार्टियां प्रधानमंत्री की पसंद को समर्थन देने की बात कह चुकी हैं, उनमें तमिलनाडु में सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) तथा आंध्र प्रदेश में सत्तासीन तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) शामिल हैं.
  5. वाम मोर्चा ने कहा था कि अगर एनडीए ने मंगलवार तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की, तो विपक्ष अपने प्रत्याशी का ऐलान कर देगा. अब विपक्षी दलों को यह तय करना होगा कि वे राष्ट्रपति पद पर चुनाव चाहते हैं, या सरकार द्वारा घोषित रामनाथ कोविंद को समर्थन देते हैं. कांग्रेस तथा वामदलों ने इससे पहले संकेत दिए थे कि सरकार उनसे सिर्फ सहयोग चाहती है, सर्वसम्मति नहीं बनाना चाहती, हालांकि बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने इस दावे का खंडन किया है.
  6. माना जा रहा है कि अब जब राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए प्रत्याशी का नाम तय हो गया है, अब बीजेपी एक बार फिर विपक्षी दलों से संपर्क साधेगी.
  7. शिवसेना ने 91-वर्षीय कृषिविज्ञानी एमएस स्वामीनाथन तथा बीजेपी के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख, यानी सरसंघचालक मोहन भागवत के नाम सुझाए थे. गौरतलब है कि एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद शिवसेना पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के प्रत्याशियों डॉ प्रणब मुखर्जी तथा श्रीमती प्रतिभा पाटिल का समर्थन कर चुकी है.
  8. इस बीच, बीजेपी ने अपने सभी सांसदों तथा विधायकों को दिल्ली बुलाया है, ताकि चुनाव के लिए दाखिल किए जाने वाले नामांकन पत्रों पर दस्तखत करवाए जा सकें. निर्वाचित प्रतिनिधियों (जो चुनाव में वोट भी देंगे) को एनडीए के प्रत्याशी के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे.
  9. कुल मिलाकर चार नामांकन पत्र दाखिल किए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक पर 50 प्रस्तावकों तथा 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर होते हैं. हस्ताक्षर प्रक्रिया के लिए 19 तथा 20 जून – दो दिन निर्धारित किए गए हैं.
  10. उम्मीद की जा रही है कि नामांकन 23 जून को दाखिल किया जाएगा, और प्रधानमंत्री के स्वयं भी उस समय उपस्थित रहने की संभावना है. गौरतलब है कि अगले ही दिन उन्हें अमेरिका यात्रा पर रवाना होना है.