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महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि पर नहीं बंद होंगे स्कूल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छुट्टियों के  नाम पर राजनीति का खेल खत्म करने की तैयारी की है। जातीय हित साधने के लिए तमाम महापुरुषों के नाम पर हाल-फिलहाल में किए गए अवकाशों को निरस्त करने का फैसला किया है। ताकि  स्कूलों में अधिक से अधिक पढ़ाई हो सके। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  अंबेडकर जयंती के मौके पर अंबेडकर महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने साफ कहा कि इस फैसले से कुछ लोगों को आपत्ति होगी लेकिन यह किया जाना जरूरी है।

सीएम ने कहा कि हर महापुरुष के नाम पर छुट्टी की परंपरा चल पड़ी है। गांवों में बच्चों से पूछो तो उन्हें पता ही नहीं होता कि स्कूल क्यों बंद है? वह कहते हैं कि आज इतवार है। जब उनसे कहो कि इतवार नहीं दूसरा दिन है तो वह कहते हैं कि हमें छुट्टी के चलते लगा। महापुरुषों की जयंती-पुण्यतिथि पर बच्चों को उनके बारे में बताएंगे नहीं तो वे आदर्शों से अवगत कैसे होंगे। इसलिए हमने कहा कि छुट्टी की परंपरा बंद होनी चाहिए। ऐसे मौकों पर स्कूल खुलेंगे और एक-दो घंटे का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें संबंधित महापुरुष के बारे में बच्चों को जानकारी दी जाएगी। सीएम ने कहा कि यूपी में स्कूलों में 220 दिनों का शैक्षणिक सत्र छुट्टियों के चलते 120 दिन पहुंच गया है। छुट्टियों की ऐसी ही परंपरा चलती रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि स्कूलों के लिए कोई कार्यदिवस ही नहीं बचेगा।

यूपी में सियासत के नाम पर अब तक 42 छुट्टियां घोषित की जा चुकी हैं। इसमें 17 छुट्टियां ऐसी हैं जो सीधे तौर पर जातीय गणित को साधने के लिए की गई हैं। छुट्टियों के मामले में यूपी देश में पहले नंबर पर है। अगर इन घोषित छुट्टियों में 52 शनिवार और रविवार जोड़ दिया जाए जो 146 दिन सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इसमें कर्मचारियों को मिलने वाले 15 अर्न्ड लीव और 14 कैजुअल लीव शामिल करें तो करीब 175 दिन की छुट्टी होती है। इस हिसाब से लगभग छह महीने कर्मचारियों को दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी। सियासी संतुलन के लिए ये छुट्टियां हमेशा से दी जा रही हैं, हो सकता है पहले गाज इन पर ही गिरे।