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बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं प्रणब मुखर्जी की बेटी: सूत्र

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ सकती हैं. बीजेपी सूत्रों की मानें तो प्रणव मुखर्जी की इच्छा है कि शर्मिष्ठा मुखर्जी, मालदा लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ें. अब अंतिम फैसला शर्मिष्ठा मुखर्जी को लेना है. इस बारे में दो बार बीजेपी और प्रणव मुखर्जी के बीच बातचीत हुई है. शर्मिष्ठा मुखर्जी वर्तमान में कांग्रेस की प्रवक्ता हैं. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर पहुंचे चुके हैं और कल आरएसएस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं.

शर्मिष्ठा मुखर्जी का इनकार, कहा- कांग्रेस छोड़ने से पहले राजनीति छोड़ दूंगी
बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की खबर को शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खारिज कर दिया है. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया, “पहाड़ों के बीच सुंदर सूर्यास्त का आनंद ले रही हूं और अचानक इस खबर ने कि मैं बीजेपी ज्वाइन कर रही हूं, टॉर्पीडो की तरह लगी. क्या इस दुनिया में कहीं भी शांति और स्वच्छता नहीं हो सकती. मैंने राजनीति इसलिए ज्वाइन की क्योंकि मैं कांग्रेस में विश्वास करती हूं. कांग्रेस छोड़ने से पहले मैं राजनीति छोड़ दूंगी.”

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने भी शर्मिष्ठा मुखर्जी के बीजेपी में जाने की खबरों को अपवाह बताया. उन्होंने लिखा, ”कुछ अफवाहों के चलते शर्मिष्ठा मुखर्जी से बात की जो इस वक्त बाहर हैं. वो एक समर्पित कांग्रेसी हैं और कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखती हैं. उन्होंने मुझे बताया कि वो कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास की लजह से ही राजनीति में हैं.”

कौन हैं शर्मिष्ठा मुखर्जी?
शर्मिष्ठा मुखर्जी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी की बेटी हैं. राजनेता के साथ साथ वे कत्थक डांसर और कोरियोग्राफर भी हैं. जुलाई 2014 में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस का हाथ थामा था. 2015 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली में ग्रेटर कैलाश विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्हें आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा.

आरएसएस के किस कार्यक्रम में जा रहे हैं प्रणब मुखर्जी?
प्रणब मुखर्जी आरएसएस के तृतीय शिक्षा वर्ग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जा रहे हैं. तृतीय शिक्षा वर्ग संघ के प्रचारक बनाने की प्रक्रिया का सबसे उच्च ट्रेनिंग प्रोग्राम है. संघ प्रचारक बनना है तो तृतीय शिक्षा वर्ग में प्रशिक्षण लेना ही पड़ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तृतीय शिक्षा वर्ग में हिस्सा लिया था. इस कार्यक्रम का ध्येय वाक्य ‘मै संघ हूं, संघ मेरा है’ है.

प्रणब मुखर्जी के पॉलीटिकल करियर पर एक नजर
प्रणब मुखर्जी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह की सरकार में सत्ता के शिखर पर रहे हैं. उन्होंने वित्त, रक्षा, विदेश मंत्रालय जैसे कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है. हालांकि वह कुछ सालों तक कांग्रेस से नाराज भी रहे और उन्होंने अलग पार्टी बनाई और फिर वह कांग्रेस में वापस लौट गए.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से ही वो पीएम की रेस में थे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद वो प्रधानमंत्री की रेस में आगे रहे. 2004 लोकसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने जीत हासिल की तो ऐसी चर्चा होने लगी थी कांग्रेस प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वह 2012 में कांग्रेस के समर्थन से राष्ट्रपति बने.