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बंगाल पर आयी इस रिपोर्ट को पढ़कर आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेगी, देश बचा लिया मोदी ने

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनने से पहले बंगाल की स्थिति कितनी खराब हो चुकी थी इस बात का कइयों को अंदाजा तक नहीं है. लेकिन हाल ही में आयी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ यदि पीएम मोदी कई कड़े निर्णय नहीं लेते तो बंगाल टूटने के कगार तक पहुच जाता. “मां, माटी और मानुष” की बात करने वाली ममता के राज में बंगाल में “भय, भूख और भ्रष्टाचार” के अलावा कुछ देखने को नहीं मिल रहा था.

रोज वेली चिट फंड घोटाला, सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी डेवलपमेंट अथॉरिटी घोटाला, शारदा घोटाले से लेकर नारदा तक के घोटालों में गले तक डूबी तृणमूल सरकार ने बंगाल में खरबों रुपयों के घोटाले किये. ममता बनर्जी की सरकार भ्रष्टाचार से इस कदर ज़ुडी हुई है कि कोई भी ममता बनर्जी सरकार के किसी भी काम में घोटाला ढूंढ सकता है. जानकारों के मुताबिक़ ममता की सरकार ने घोटालों और भ्रष्टाचार में कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया. लगभग 40000 करोड़ का तो अकेला शारदा घोटाला ही सामने आया है, जिसमे 17 लाख लोगों के घर उजड़ गए.

नारद स्टिंग आपरेशन में तो तृणमूल कांग्रेस का पूरा नेतृत्व यह पूछते हुए कैमरे के सामने रिश्वत लेते हुए दिखा कि उन्हें रिश्वत की अगली किश्त कब मिलेगी. शारदा घोटाले के चलते तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन मित्रा और कुणाल घोष को जेल भी जाना पड़ा और हाल ही में रोज वेली चिट फंड घोटाले के लिए सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस सांसद तापस पाल और ममता बनर्जी के सबसे करीबी माने जाने वाले तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंधोपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया.

जाली नोट देश को अंदर से खोखला कर रहे थे. हाल ही में आयी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ बंगाल से ही भारत का सबसे बड़ा जाली नोट गिरोह काम कर रहा था. पश्चिम बंगाल के मालदा जिला को तो जाली नोटों की राजधानी के नाम से जाना जाने लगा था. हर साल यहां दो करोड़ से अधिक के जाली नोट पकडे जाते थे. एनआईए की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था में घुसने वाले 80 फीसदी जाली नोट मालदा से लगी बांग्लादेश सीमा से होकर ही देश में आए थे. अबतक 125 करोड़ मूल्य के जाली नोट बरामद किए गए हैं और 3,656 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से जाली करेंसी का ये धंधा पूरी तरह ठप हो गया है.

वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति की वजह से बंगाल आतंकवाद के गढ़ में तब्दील हो चुका है. एनआईए के मुताबिक़ यहां हूजी, सिमी, लश्कर, जमात और कई अन्य आतंकवादी संगठनों ने अपने अड्डे बना लिये हैं और हाल ही में हुए बर्दवान विस्फोट से भी यह बात साबित हो गयी थी कि बंगाल के घर-घर में बम बनाने के कारखाने चल रहे हैं. अवैध बांग्लादेशियों के आतंक का शिकार बना बंगाल फिलहाल देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन चुका है. नोटबंदी से इस आतंक में कुछ लगाम जरूर लगी है और साथ ही आइबी राज्य में फैले आतंकवाद और आतंकी मॉड्यूल को नष्ट करने में जोर-शोर से लगा हुआ है.

हाल ही में मोदी सरकार ने करोड़ों की तादात में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान उनके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे फ़र्ज़ी राशन कार्डों से की. ऐसे अवैध बांग्लादेशियों को देश से निकालने का काम भी तेजी से जारी है.

हाल ही में बंगाल में बीजेपी के सदस्यों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है. भ्रष्टाचार, नकली करेंसी और आतंकवाद के खात्मे के साथ ही बंगाल में स्थायी रूप शांति व्याप्त हो जायेगी. देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ बंगाल भी विकास पथ पर तीव्र रफ़्तार से दौड़ने लगेगा.

एक वक़्त था जब गुजरात में प्रतिवर्ष दंगे हुआ करते थे, छोटी-छोटी बात पर दंगे हो जाते थे। नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनते ही वहाँ भी स्थायी तौर पर शान्ति व्याप्त हो गयी और पिछले कई वर्षों से वहां कर्फ्यू नहीं लगा. ऐसा ही कमाल अब जल्द ही बंगाल में भी देखने को मिलेगा.