बता दें, प्रदेश में 2,197 सब इंस्पेक्टरों के प्रमोशन के बाद इंस्पेक्टरों की कुल संख्या चार हजार के पार हो गई थी। ऐसे में इन्हें खपाने के लिए एक थाने में चार इंस्पेक्टर की व्यवस्था लागू की गई।
इसमें प्रभारी इंस्पेक्टर के अलावा अतिरिक्त इंस्पेक्टर कानून व्यवस्था, अपराध और प्रशासन के पद सृजित किए गए। यह व्यवस्था प्रदेश के 414 सर्किल मुख्यालय के थानों पर लागू की गई, लेकिन कई जिलों में इंस्पेक्टर की कमी के चलते तीन अतिरिक्त इंस्पेक्टर के स्थान पर एक या दो ही इंस्पेक्टर तैनात किए गए।
वहीं, कुछ थाने ऐसे थे जो अपराध व कानून व्यवस्था के मद्देनजर बेहद संवेदनशील थे, लेकिन सर्किल मुख्यालय न होने की वजह से वहां यह व्यवस्था लागू नहीं की गई। मसलन लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में मलिहाबाद थाना क्षेत्र की अपेक्षा अपराध अधिक होते हैं। मगर, सर्किल मुख्यालय नहीं होने के चलते वहां नई व्यवस्था नहीं लागू की गई। जबकि सर्किल मुख्यालय होने के कारण मलिहाबाद में तीन अतिरिक्त इंस्पेक्टर लगाए गए हैं। यही स्थिति प्रदेश के कई और जिलों के थाने की भी है।