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पहाड़ों पर बारिश के साथ बर्फबारी ने बदला मैदानी राज्यों मौसम का मिजाज, अभी चार दिन राहत नहीं

नई दिल्ली हिमाचल प्रदेश से श्रीनगर तक अच्छी बर्फबारी से जहां सैलानियों के चेहरे खिल गए हैं, वहीं स्थानीय लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश के मैदानी राज्यों में भी कभी धूप तो कभी कोहरे की आंखमिचौली के बीच बुधवार को मौसम का मिजाज बदल गया।

पहाड़ों पर बर्फ का सूखा खत्म हो गया है। हिमाचल प्रदेश से श्रीनगर तक अच्छी बर्फबारी से जहां सैलानियों के चेहरे खिल गए हैं, वहीं स्थानीय लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर प्रदेश के मैदानी राज्यों में भी कभी धूप तो कभी कोहरे की आंखमिचौली के बीच बुधवार को मौसम का मिजाज बदल गया। सुबह से रुक-रुककर हल्की और तेज बारिश से ठिठुरन बढ़ गई है। शाम को नोएडा समेत एनसीआर में  ठीकठाक बारिश दर्ज की गई।

पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में बारिश के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात हुआ है। इससे आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। हिमाचल प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 130 सड़कें और बिजली के 395 ट्रांसफार्मर ठप हो गए। बर्फबारी में फंसे 300 सैलानियों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। पहाड़ी प्रदेशों में चार फरवरी तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है।

भारतीय मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड व दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे और बारिश का ऑरेंज अलर्ट और जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, प. बंगाल के गंगा किनारे वाले इलाकों, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश व घने कोहरे का यलो अलर्ट जारी किया है। बुधवार सुबह दक्षिणी पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में ज्यादातर इलाकों में दृश्यता में कमी रही। इससे वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। जम्मू-कश्मीर में चिल्ला-ए-कलां के 40 दिन समाप्त होने के बाद बर्फबारी शुरू हुई है। पर्यटन स्थल पहलगाम, सोनमर्ग, गुलमर्ग में बर्फबारी हो रही है। अनंतनाग के कोकरनाग, हंदबाड़ा, गुरेज और बांदीपोरा में भी बर्फबारी हुई।

मैदानी इलाकों में दिखेगा असर
दिल्ली में क्षेत्रीय मौसम केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में आने वाले दिनों में भारी बारिश के साथ ही जमकर हिमपात भी होगा। इसका प्रभाव हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी देखा जाएगा। इसके प्रभाव से ही बुधवार को दिल्ली-एनसीआर समेत पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश हुई। मौसम में यह बदलाव दो फरवरी तक जारी रहने की संभावना है।

कोहरे के कारण 331 उड़ानें प्रभावित, 11 रद्द
खराब मौसम के चलते सिर्फ दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 331 उड़ानों के आगमन प्रस्थान में 3-4 घंटे तक की देरी हुई। इनमें 260 से अधिक घरेलू उड़ानें शामिल थीं। 11 उड़ानों को रद्द भी करना पड़ा। दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि घर से निकलने से पहले संबंधित एयरलाइंस से उड़ानों के बारे में ताजा जानकारी ले लें।

70 से अधिक ट्रेनें देर से चलीं
उत्तर रेलवे ने बताया कि घने कोहरे के कारण रेल संचालन पर बहुत बुरा असर पड़ा है और दिल्ली आने वाली 70 ट्रेनें 13 घंटे तक की देरी से चलीं। इनमें भुवनेश्वर राजधानी, डिब्रूगढ़ राजधानी, राजेंद्र नगर राजधानी, सियालदाह राजधानी शामिल हैं।

उत्तराखंड में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरे खिले 
उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद पहाड़ी इलाके बर्फबारी से सफेद हो गए। उत्तरकाशी के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारकांठा, हर्षिल व देहरादून के चकराता समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई तो पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के चेहरे खिल गए। फरवरी के पहले सप्ताह में भी कई बार बारिश-बर्फबारी होने की संभावना है। इस दौरान 2,500-3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में एक से डेढ़ फुट तक की बर्फबारी होने की संभावना है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है बारिश और बर्फबारी से तापमान पर कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, जबकि मैदान से लेकर पहाड़ तक लोगों को सूखी ठंड से राहत मिलेगी।

फरवरी में सामान्य से अधिक बारिश होगी
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि फरवरी में उत्तर भारत में सामान्य से अधिक (दीर्घकालिक अवधि के 122 फीसदी से अधिक) बारिश होने की संभावना है। उत्तर भारत में जनवरी में केवल 3.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1901 के बाद से दूसरी सबसे कम बारिश है। उन्होंने बताया कि मध्य भारत में भी सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। वहीं, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से कम बारिश होगी। 

  • इस अवधि में देश के ज्यादातर हिस्से में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है। उत्तर पश्चिम, पश्चिम मध्य, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के अधिकतर हिस्से में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। प्रायद्वीपीय भारत और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है।