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जयशंकर के बयान से चीन को लगी मर्ची, बोला दोनों पक्षों को करना चाहिए समझौते का पालन

चीन के भारत से डर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी हाल ही में क्वाड देशों ने बैठक की थी। जिसमें चीन ने भारत के बयान पर अपनी नजरें टिकाई रखी। जैसे ही क्वाड देशों की बैठक खत्म हुई भारत ने बयान दिया, जिसके बाद चीन अपनी असलियत पर उतर आया। यानी धमकी देने पड़ और इस बार की धमकी सुनकर तो सभी को बस हंसी ही आ जाएगी। दरअसल, क्वाड की अहम बैठक में जिस तरह से भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को आइना दिखाया। उसके बाद चालबाज चीन ने अपना अहम बयान जारी किया।

चीन का बयान

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि सीमा मुद्दे पर चीन हमेशा कहता आया है कि हमें उन संधियों और समझौतों का पालन करना चाहिए जिन पर हमने हस्ताक्षर किए हैं। हम संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखते हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से संचार जारी रखेंगे। उन्होंने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर बीजिंग के अक्सर दोहराये गये रुख का जिक्र किया और कहा कि इसके लिए चीन जिम्मेदार नहीं है।

जयशंकर ने उठाए थे सवाल

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा स्थिति, चीन द्वारा सीमा पर सैनिकों को एकत्र न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना करने के कारण पैदा हुई है। एस जयशंकर ने अपनी आस्ट्रेलियाई समकक्ष मारिस पायने के साथ मेलबर्न में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीमा पर सैनिक जमा नहीं करने का भारत के साथ 2020 में किये गये लिखित वादों का चीन द्वारा सम्मान नहीं किये जाने के चलते एलएसी पर यह स्थिति उत्पन्न हुई।