मध्य प्रदेश के इंदौर में हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्युजी महाराज ने मंगलवार दोपहर को गोलीमार कर आत्महत्या कर ली. कहा जा रहा है कि पारिवारिक और अन्य कारणों से भय्यूजी महाराज तनाव और अवसाद (डिप्रेशन) में थे. लेकिन उनके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट को देखा जाए तो कहीं से ऐसा नहीं लगेगा कि उन पर डिप्रेशन हावी था.
आत्महत्या करने से कुछ समय पहले ही उन्होंने अपने फेसबुक और ट्विटर के जरिए लोगों को जन्मदिन की बधाई देने के साथ ही साथ अपने कार्यों का जिक्र भी किया था. उन्होंने ट्विटर और फेसबुक दोनों जगह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को जन्मदिन की बधाई दी थी.
इसके अलवा उन्होंने अपने अंतिम फेसबुक पोस्ट में अर्थव्यवस्था और कृषि सुधारों के बारे में लिखा था. उन्होंने लिखा था कि हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है. आज देश के कई हिस्सों में जल की पर्याप्त सुविधा नहीं है. इसी पोस्ट में उन्होंने 1257 तालाबों के निर्माण का जिक्र भी किया था.
उनके आत्महत्या के बाद यह सवाल बार बार दिमाग में आ रहा है कि डिप्रेशन में होने के बावजूद उन्होंने कई ट्वीट और पोस्ट डाले. उनके पोस्ट को देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वह इतने अवसाद में थे कि अपनी जिंदगी खत्म कर लेंगे. मुमकिन है कि उनका ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज कोई और मैनेज करता हो जिसे भय्यूजी महाराज के मानसिक स्थिति की जानकारी न हो. यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा.
भय्यूजी महाराज को राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर माना जाता था. उनके आश्रम में नेताओं का आना जाना लगा रहता था. हाल ही में जब मध्य प्रदेश की शिवरजा सरकार ने पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया था, उसमें भय्यूजी महाराज का नाम भी शामिल था. हालांकि उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया था.